सवाल : कब से चल रहा घूस का खेल   

कौन-कौन शामिल है भ्रष्टाचार में, एसपी दिवाकर शर्मा के एक्शन के बाद बड़े सकारात्मक बदलाव की बंधी उम्मीद

ऊना – जनता की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली पुलिस रक्षक बनने के बजाये कहीं भक्षक तो नहीं बनती जा रही है। ऊना पुलिस को रिश्वत देने या फिर रिश्वत लेने के मामले उजागर होने के बाद पुलिस कर्मियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे हैं। हालांकि ऊना पुलिस प्रशासन की ओर से इस तरह के बिगड़ैल पुलिस कर्मियों पर शिकंजा कसने की मुहिम शुरू की गई है, जिसे सफलता भी मिल रही है। उसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन में कार्यरत कई कर्मी सबक नहीं सीख रहे हैं। पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा द्वारा अंब के मुबारिकपुर में पुलिस कर्मियों को मात्र दो सौ रुपए की राशि की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोचा। इसके चलते तीन होमगार्ड जवान और दो पुलिस कर्मियों पर निलंबन की गाज गिरी है। इससे पहले बंगाणा थाना के तहत डुमखर के समीप एक ट्रक चालक ने तो एसपी को ही रिश्वत देने की हिमाकत कर डाली। इससे स्वयं ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इससे पहले भी इस तरह के चालक पुलिस कर्मियों को रिश्वत देते रहे होंगे। इसके चलते चालक ने रिश्वत देने का हौंसला दिखाया। इसके साथ ही बंगाणा थाना और चिंतपूर्णी थाना के तहत ड्यूटी में कोताही के चलते पुलिस कर्मियों पर निलंबन की गाज गिर चुकी है। अभी हाल ही में एक पुलिस कर्मी पर पोस्टमार्टम में देरी होने पर सस्पेंड कर दिया गया।  उसके बावजूद भी कई पुलिस कर्मी अपनी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। सरेआम रिश्वत लेने का एक और मसला उजागर होने के बाद पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली स्वयं भी संदेह के घेरे में आ गई है। इसमें यह भी खुलासा हुआ है कि चालकों से सौ-दो सौ रुपए की राशि ऐंठ कर पुलिस कर्मी नाका खत्म होने के बाद में इस राशि को आपस में बांटते हैं। इस तरह का वाकया कब से चल रहा है, अभी भी कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं। इस तरह के कई सवाल हैं। हालांकि एसपी ऊना दिवाकर शर्मा ने इस तरह के मसलों का खुलासा कर पुलिस कार्यप्रणाली में साकारात्मक बदलाव लाने के प्रयास किए हैं।