सोलर फेंसिंग के लिए 943 आवेदन

कृषि विभाग ने अब तक 545 किसानों को जंगली जानवरों से दिलाया छुटकारा

शिमला  –प्रदेश में जंगली जानवरों के आतंक से परेशान किसान सोलर फेंसिंग का सहारा ले रहे हैं। फसल को बचाने के लिए मुख्यमंत्री खेती संरक्षण योजना के तहत सौर ऊर्जा युक्त बाड़ किसाने अपने खेतों में लगाने में रूझान दिखा रहे हैं। कृषि विभाग के पास आवेदनों की संख्या बढ़ती जा रही है और 31 मार्च तक इस योजना के तहत मिले बजट को भी पूरी तरह से खर्च करने का अनुमान कृषि विभाग का है। पूर्व कांग्रेस सरकार के समय में शुरू की इस योजना के तहत किसानों को खेतों में सोलर फेंसिंग करवाने के लिए 30 करोड़ का बजट दिया था। इस बजट में अभी तक अढ़ाई लाख रनिंग मीटर के क्षेत्र को सोलर फेंसिंग विभाग द्वारा कृषि विभाग को सोलर फेंसिंग के लिए इस बजट सत्र में अभी तक 943 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इसमें से 545 आवेदकों के खेतों को सोलर फेंसिंग कर उन्हें जंगली जानवरों के आतंक से निजात विभाग ने दिलवाई है। जो आवेदक बचे हैं, उन पर 31 मार्च तक यह 30 करोड़ के बजट से बची राशि फेंसिंग की जाएगी। विभाग को इस योजना के तहत किसानों का बेहतर रूझान मिलना शुरू हुआ है। हालांकि अभी प्रदेश के सभी जिला के किसान इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं, लेकिन अब नए बजट सत्र 2018-19 में इस योजना पर 85 फीसदी सबसिडी का प्रावधान होने से विभाग को आवेदनों की संख्या सभी सालों से बढ़ने की उम्मीद है। सोलर फेंसिंग पर होने वाला खर्च अधिक है और इसकी लागत पर अभी तक किसानों को 80 फीसदी सबसिडी दी जा रही है, लेकिन बजट प्रस्ताव पारित होने के बाद मुख्यमंत्री खेती संरक्षण योजना पर किसानों को समूह में सोलर फेंसिंग करवाने के लिए सरकार की ओर से 85 फीसदी सबसिडी प्रदान की जाएगी। इससे किसानों को कम लागत खर्च कर जंगली जानवरों के आतंक से निजात आसानी से मिल पाएगी और किसान अपनी फसल को बचा पाएंगे। कृषि विभाग के निदेशक डा. देसराज ने बताया कि सोलर फेंसिंग के लिए विभाग के पास 943 आवेदन आए हैं। इसमें से 545 आवेदकों के खेतों में सोलर फेंसिंग का काम पूरा कर दिया गया है। 31 मार्च तक अन्य आवेदकों को भी बजट योजना के तहत आबंटित कर दिया जाएगा और सत्र 2017-18 के लिए मिला 30 करोड़ का बजट इस योजना के तहत इस वित्त वर्ष विभाग पूरा खर्च कर लेगा।

शिमला-सोलन-कुल्लू के किसान आगे

सोलर फेंसिंग के लिए कृषि विभाग के पास अभी तक आए आवेदनों में सबसे अधिक आवेदन जिला शिमला, सोलन और कुल्लू से आए हैं। इन क्षेत्रों के किसान अधिक रुचि इस योजना में दिखा रहे हैं। इन तीन जिलों में सबसे अधिक क्षेत्र को सौर बाड़ से सुरक्षित किया गया है। अन्य जिलों से कम रुझान विभाग को मिला है।