हक के लिए संसद घेरेंगे देश भर के टीचर

तीन अप्रैल को प्रदेश के चार शिक्षक संघ भी बोलेंगे हल्ला, चार मांगें उठाएंगे

शिमला – हिमाचल प्रदेश के शिक्षक संघों ने भी शिक्षा के अधिकार व शिक्षा के अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है। तीन अप्रैल को प्राथमिक शिक्षकों से लेकर कालेज शिक्षक तक विशाल दिल्ली मार्च के लिए मंडी से संसद भवन के लिए चार मुख्य मांगों को लेकर कूच घेरेंगे। जानकारी के अनुसार हिमाचल के चार शिक्षक संघ राजकीय अध्यापक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ, माध्यमिक शिक्षक संघ व कालेज शिक्षक संघ इसमें भाग लेंगे। शिक्षक नेताओं के अनुसार चार मुख्य मांगों को लेकर यह धरना किया जाएगा। इसमें शिक्षा के अधिकार को शून्य से अठारह वर्ष तक के बच्चों के लिए विस्तारित करने की मांग की जाएगी। शिक्षा का निजीकरण एवं बाजारीकरण बंद करने, नई पेंशन नीति बंद कर व पुरानी पेंशन पद्धति बहाल करने व समान काम के लिए समान वेतन लागू करने की मांग इस दौरान की जाएगी। शिक्षक नेताओं ने सभी से आह्वान किया है  कि वे  एकजुट होकर तीन अप्रैल  को संसद के समक्ष विशाल मार्च व धरने के लिए अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर इसे  सफल बनाने का प्रयास करें। जानकारी के अनुसार देश के मान्यता प्राप्त तीन संगठन मिलकर सरकार के खिलाफ यह प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक संघ, अखिल भारतीय माध्यमिक शिक्षक महासंघ, और कालेज शिक्षक महासंघ शामिल है। अखिल माध्यमिक शिक्षक महासंघ ने हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ को इस मार्च में ज्यादा से ज्यादा अध्यापक साथ लाने का फरमान जारी किया है। अखिल भारतीय माध्यमिक शिक्षक महासंघ के उपाध्यक्ष  वीरेंद्र चौहान ने कहा कि प्रदेश से कम से कम 500 शिक्षक हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ की ओर से इसमें भाग लेंगे।