हमें बसाओ…नहीं तो करेंगे आत्मदाह

नगरोटा बगवां —नगरोटा बगवां में अतिक्रमण के विरुद्ध दो दिन चली प्रशासनिक कार्रवाई का विस्थापित कारोबारियों ने कड़ा विरोध दर्ज करवाया है। बुधवार को अढ़ाई दर्जन विस्थापितों ने एसडीएम को तहसीलदार संसार चंद के माध्यम से एक ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई को अनुचित ठहराया तथा पुनर्वास की मांग की। उन्होंने गुरुवार को स्थानीय बाजार में विशाल प्रदर्शन करने तथा सामूहिक आत्मदाह की भी चेतावनी दी। उन्होंने ज्ञापन की प्रति नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी को भी भेजी, जिसमें बिना किसी पूर्व सूचना के कारोबारियों के ढांचों को तहत-नहस करने तथा सामान के नुकसान की भरपाई की मांग की है । उनका कहना है कि वह वर्षों से रेहड़ी-फड़ी लगाकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं तथा बाकायदा परिषद को रोजाना शुल्क भी अदा कर रहे हैं । इसके बावजूद उनके कारोबार को उजाड़ना किसी षड्यंत्र का हिस्सा बताया । उन्होंने प्रशासन पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना का भी आरोप लगाया। विस्थापित कारोबारियों का तर्क है कि यह सरासर प्रोटेक्शन ऑफ लाइवली हुड एंड रेगुलेशन ऑफ स्ट्रीट वेंडिंग एक्ट 2014 का उल्लंघन है। इसके तहत उनके स्ट्रीट वेंडिंग अधिकारों का हनन हुआ है । उनका कहना है कि उन्होंने एक्ट के अधीन अपना पंजीकरण करवाने के लिए सालों पहले आवेदन किया था, जिसका बाकायदा निर्धारित शुल्क भी अदा किया गया है। प्रशासन की उदासीनता की वजह से आज तक उन्हें न तो एक्ट के अंतर्गत  पंजीकरण का प्रमाण पत्र दिया गया और न ही एक्ट के प्रावधानों के तहत उन्हें सुरक्षा मिल पाई ।

पाइपें हटाने की मांग

बुधवार को तीसरे दिन भी एनएच और परिषद का अतिक्रमण हटाओ संयुक्त अभियान जारी रहा। इस दौरान कारोबारी भी नालियों में डाले गए स्लैबों को दुरुस्त करते देखे गए । लोगों ने जलनिकासी की नालियों में डाली गई पानी की पाइपों को भी हटाने की मांग की है ।