हाटी जनजातीय क्षेत्र की मांग को दिशा दे रहे युवा इंद्र राणा

पांवटा साहिब – पिछले करीब पांच दशक से भी अधिक समय से अपनी जनजातीय क्षेत्र की मांग को लेकर राजनैतिक उपेक्षा का शिकार होते गिरिपार क्षेत्र के करीब तीन लाख हाटी की मांग को दिशा देने के लिए गिरिपार के प्रवेश द्वार सतौन के युवा इंद्र सिंह राणा इसे नई दिशा देने का प्रयास कर रहे हैं। राजनीति से उपर उठकर युवाओं को अपने हक के लिए वह एकत्रित कर रहे हैं, ताकि लोकसभा चुनाव से पूर्व हाटियों की इस मांग को सिरे चढ़ाया जा सके। काबिलेजिक्र है कि इस मुद्दे पर क्षेत्र के लोगों के साथ राजनैतिक दलों द्वारा जमकर राजनीति हुई है तभी तो 1967 में जनजातीय क्षेत्र घोषित हो चुके हैं। गिरिपार के बड़े भाई जोंसार की तर्ज पर हाटियों को उनके अधिकार ही नहीं मिल पाए। पिछले कुछ माह से युवा इंद्र राणा ने युवाओं को जगाने की मुहिम चलाना शुरू किया है। अपने अधिकारों के लिए नेताओं से बात की जा रही है। लोगों को भी इस मांग के लिए राजनीति से उपर उठकर एकजुट होने का आह्वान किया जा रहा है। उनका कहना है कि क्षेत्र के विधायक व पूर्व विधायक भी क्षेत्र के सच्चे हितैषी तभी हैं यदि वह क्षेत्र के लाखों लोगों की भलाई की इस मांग के लिए एक मंच पर आकर प्रदेश व केंद्र सरकार से हाटी जनजातीय मांग को पूरा करने का दबाव बनाएं।