हिमाचल में पहली से फिर टोल बैरियर

हमीरपुर— हिमाचल प्रदेश के टोल बैरियर को जीएसटी नहीं रोक पाया है। राज्य सरकार ने प्रदेश भर में टोल बैरियर स्थापित करने का फैसला लिया है। इस कड़ी में आबकारी एवं कराधान विभाग बैरियर की स्थापना के लिए नई पालिसी बनाने में जुट गया है। जीएसटी लागू होने के बाद टोल बैरियर समाप्त करने का ऐलान किया था। अधिकतर राज्यों ने इस फैसले को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी थी। हिमाचल में करीब 29 टोल बैरियर स्थापित किए गए हैं और इनसे 87 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो रहा है। राज्य सरकार इस आमदनी की भरपाई का विकल्प नहीं ढूंढ पाई है। इसके चलते पहली अप्रैल से प्रदेश की सीमाआें में टोल बैरियर स्थापित होंगे। पुख्ता सूचना के अनुसार सरकार ने इस बार टोल बैरियर से 100 करोड़ राजस्व जुटाने का टारगेट रखा है। इसी के तहत सरकार नई पालिसी बनाने में जुट गई है। यह स्पष्ट है कि टोल बैरियर लाटरी सिस्टम से आबंटित किए जाएंगे। बावजूद इसके आबंटन और आवेदन की प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। जाहिर है कि मई, 2017 में जीएसटी के आने से आबकारी एवं कराधान विभाग ने अपने सभी बैरियर समाप्त करने का ऐलान किया था। इसी कड़ी में टोल बैरियर भी हटाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई थी। चूंकि प्रदेश में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी के चलते हिमाचल में अपने वाले पर्यटकों के लिए टोल बैरियर की बंदिश हटाकर सरकार बड़ा तोहफा देने के मूड में थी। बहरहाल, वित्तीय संसाधनों की भरपाई के चलते जयराम सरकार ने टोल बैरियर हटाने का फैसला नहीं माना है। इसके चलते पहली अप्रैल से प्रदेश भर में टोल बैरियर बहाल रहेंगे। इस दौरान वाहनों की एंट्री पर 30 रुपए से लेकर 80 रुपए तक वसूल किए जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार हिमाचल नंबर के वाहनों के लिए एंट्री टैक्स में छूट देने का प्रावधान किया जा सकता है। जाहिर है कि सिरमौर के कालाअंब से लेकर चंबा के तुनूहट्टी तक स्थापित टोल बैरियर से पर्यटकों तथा हिमाचल नंबर के वाहनों से प्रवेश शुल्क लिया जा रहा है। जीएसटी लागू होने के कारण आबकारी एवं कराधान विभाग ने अपने टोल बैरियर हटा लिए हैं। व्यापारिक वाहनों को भी अब बैरियर पर नहीं रोका जा रहा है।