100 पशुपालकों को बकरियां-चारा

पशु चिकित्सा अनुसंधान केंद्र पालमपुर ने गरोला में लगाई किसान संगोष्ठी

गरोला (भरमौर)— भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान क्षेत्रीय केंद्र (आईवीआरआई) पालमपुर ने भरमौर के गरोला व उल्लांसा के पशुपालकों को बकरे, बकरियां, पशुचारा समेत अन्य आवश्यक सामग्री बांट कर लाभान्वित किया। जनजातीय उपयोजना के अंतर्गत एक दिवसीय किसान संगोष्ठी के दौरान 100 से ज्यादा पशुपालकों को वैज्ञानिक तौर-तरीके सिखाए। डा. गोरख मल, प्रभारी-वैज्ञानिक, भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र पालमपुर ने संस्थान का परिचय दिया। उन्होंने किसानों और पशुपालकों की सेवा में निरंतर प्रयासरत आईवीआरआई के उल्लेखनीय योगदान का विवरण देते हुए बताया कि जितनी भी पशु वैक्सीन है, अधिकांश इस संस्थान द्वारा विकसित की गई। जनजातीय उपयोजना के अंतर्गत भाकृअप भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, क्षेत्रीय केंद्र पालमपुर ने भरमौर तहसील के दो जनजातीय गांवों-गरोला और उल्लांसा को अपनाया है। मार्च, 2017 में भी संस्थान की ओर से इन गांव के पशुपालकों को नौ-नौ महीने की 48 बकरियां, पशु औषधियां, खनिज लवण, फीड व चारा वितरित किए थे। जब इन बकरियों को वितरित किया गया था, तब इनका औसतन मूल्य 4800 रुपए था, जो कि वर्तमान में लगभग 6500 रुपए प्रति पशु हो गया है। इस वर्ष पशुपालकों के उत्साह व मांग के अनुरूप चयनित पशुपालकों को दुधारू किस्म की 40 बकरियां, चार बकरे, लवण मिश्रण व चारा वितरित किए गए। पशुपालकों ने मेले में आयोजित पशु स्वास्यि शिविर में विशेष रुचि दिखाई। संस्थान के वैज्ञानिकों डा. गोरख मल, डा. बीरबल सिंह व डा. रिंकू शर्मा व शोधरत विद्यार्थियों ने किसानों को विभिन्न वैज्ञानिक तकनीकी की जानकारी से अवगत करवाया और आह्वान किया कि वे पशुपालन व्यवसाय में वैज्ञानिक तकनीक सम्मिलित कर न केवल अधिकाधिक लाभ अर्जित कर सके हैं, अपनी आय में भी वृद्धि कर सकते हैं। विनय धीमान एडीएम भरमौर समारोह के मुख्यातिथि थे। तृप्ता देवी, प्रधान पंचायत गरोला, कुशला देवी ग्राम पंचायत उल्लांसा, एडीएम भरमौर ने आईवीआरआई क्षेत्रीय केंद्र पालमपुर की प्रशंसा की एवं उन्होंने कहा कि संकर प्रजाति की बकरियां किसानों को देकर एक सराहनीय कार्य किया है।