आजादी के बाद भी नहीं हुआ सर्वांगीण विकास

बीबीएन —महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ द्वारा नेशनल इंटिग्रेटी स्ट्रेटजी इन इंडिया विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस महत्त्वपूर्ण और ज्वलंत विषय पर आयोजित वर्कशाप में हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(डा.) एससी रैना व रजिस्ट्रार प्रो. (डा.) एसएस जसवाल ने मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस अवसर पर महाराजा अग्रसेन विवि के कुलपति प्रो.(डा.) आरके गुप्ता ने मुख्यातिथि तथा विशिष्टातिथि का विधिवत अभिनंदन किया। कुलपति प्रो.(डा.) आरके गुप्ता ने नेशनल इंटीग्रेटी की प्रासंगिकता एवं महत्त्व पर प्रकाश डाला। मुख्यातिथि कुलपति प्रो.(डा.) एससी रैना ने कहा कि भारत में नेशनल इंटिग्रेटी की शुरुआत आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने की थी, जो कि अभी भी अधूरी है। उनके मुताबिक अभी भी देश का आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक एकीकरण पूरा नहीं हुआ है। आज भी देश जाति, धर्म एवं वर्गों में बंटा हुआ है। देश का एकीकरण तभी संपूर्ण होगा, जब सभी देशवासी अपनी पहचान एक भारतीय के रूप में देंगे। इस अवसर पर विशिष्टातिथि प्रो. (डा.) एसएस जसवाल ने नेशनल इंटिग्रेटी के विभिन्न आयामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रोजेक्ट इंचार्ज सुरेश गुप्ता ने विश्वविद्यालय के छात्रों से आह्वान किया और कहा कि नेशनल इंटिग्रेटी में देश के युवा महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। इस अवसर पर दोनों विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व प्रोजेक्ट इंचार्ज सुरेश गुप्ता, स्कूल ऑफ  लॉ की निदेशक डा. सामिया तबस्सुम की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ के रजिस्ट्रार प्रो. (डा.) एसएस जसवाल व महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डा. मुनीशवर जोशी द्वारा एक एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए। इस समझौते के अंतर्गत दोनों विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों व छात्रों को अकादमिक एवं रिसर्च में सहयोग और सहायता के अवसर प्रदान होंगे। अंत में स्कूल ऑफ लॉ की निदेशक डा. सामिया तबस्सुम ने कार्यशाला के समापन पर सबका

आभार जताया।

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