आपरेटर्स की मांगें मानी  तो एटीएम ट्रांजेक्शन महंगा

मुंबई— एटीएम आपरेटर्स ने एटीएम ट्रांजेक्शन के लिए हायर इंटरचेंज रेट की मांग उठाई है, जिससे वह हाल ही में आरबीआई के सख्त दिशा-निर्देशों का पालन करने में सक्षम बन सके। फिलहाल सभी बैंक दूसरे बैंकों के कस्टमर से अपने बैंक का एटीएम प्रयोग करने पर हर बार कैश निकालने पर 15 रुपए और दूसरे नॉन कैश ट्रांजेक्शन पर पांच रुपए लेते हैं, जो पांच ट्रांजेक्शन के बाद हर बैंक ग्राहक को देना पड़ता है। अगर यह मांग मान ली गई तो बैंक के कस्टमर्स को दूसरे बैंक के एटीएम का प्रयोग करने पर ज्यादा चार्ज देना पड़ सकता है। कन्फेडरेशन ऑफ एटीएम इंडस्ट्री (सीएटीएमआई) ने मांग की है कि एटीएम से ट्रांजेक्शन करने पर चार्ज कम से कम तीन रुपए से पांच रुपए बढ़ना चाहिए, जिससे एटीएम ऑपरेटर्स बढ़ती महंगाई में अपनी लागत निकाल सकें। सीएटीएमआई के निदेशक के श्रीनिवास ने कहा कि हाल ही में आरबीआई ने काफी सख्त गाइडलाइंस जारी की है, जिससे एटीएम सर्विस प्रोवाइडर्स की कुल लागत में बढ़ोतरी होगी। आरबीआई ने कहा है कि बैंकों को जुलाई से कैश मैनेजमेंट संबंधी गतिविधियों के लिए सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ इस व्यवस्था में न्यूनतम मानक लागू करने चाहिए। इसमें एटीएम सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए 300 कैश वैन का बेड़ा, एक ड्राइवर, दो रक्षक और कम से सम दो गनमैन रखे जाने का निर्देश आरबीआई ने दिया है। कैश वाहन जीपीएस लैस होने चाहिए। जियो फेसिंग मैपिंग के साथ इसकी निगरानी रखी जा सके और किसी एमर्जेंसी की हालत में यह नजदीकी पुलिस स्टेशन का संकेत दे सके। सीएटीएमआई आरबीआई और एनपीसीआई से बातचीत कर रही है। उसे उम्मीद है कि इंटरचेंज रेट को बढ़ाने का मुद्दे पर प्राथमिकता के आधार पर विचार-विमर्श करना चाहिए।

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