एम्स के लिए 445 बीघा और मांगे

By: Apr 20th, 2018 12:20 am

केंद्र ने लिखा स्वास्थ्य विभाग को पत्र, वन भूमि को लेकर हैं पेंच

शिमला— बिलासपुर में एम्स के लिए अभी करीब 445 बीघा और जमीन चाहिए। इसके लिए वन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा जा चुका है, जिस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को लिखा है। मंत्रालय ने पूछा है कि एम्स के लिए जरूरी व जमीन के मामले में क्या प्रगति है। इस पर यहां स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों के साथ चर्चा की है। क्योंकि यह जमीन वन भूमि है, इसलिए इस पर जल्द मंजूरी के लिए केंद्र सरकार से चर्चा करनी होगी और ऐसा ही जवाब प्रदेश से स्वास्थ्य मंत्रालय को भी जाएगा। वैसे वन विभाग के माध्यम से जमीन का मामला भेजा चुका है। हाल ही में प्रस्तावित एम्स के लिए प्रदेश सरकार ने 112 बीघा जमीन पशुपालन विभाग की दी है। यह जमीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नाम पर कर दी गई है। पशुपालन विभाग की इस जमीन की ट्रांसफर के लिए एनओसी दिया गया है, जिसके बाद एम्स की कुछ बाधा तो  दूर हो गई है। अब 445 बीघा वन भूमि का पेंच इसके रास्ते में है जिस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश से प्रगति रिपोर्ट मांगी है। एम्स के लिए बिलासपुर जिला के कोठीपुरा में सरकारी जमीन तो दे दी गई है, लेकिन अभी वन भूमि भी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इसकी प्रगति रिपोर्ट लेने से लगता है कि वह भी तेजी दिखा तो रहा है, लेकिन जब तक वन भूमि उसको नहीं मिलती, तब तक काम शुरू नहीं हो पाएगा। बाद में मंत्रालय इसमें कोई भी निर्णय ले सकता है। यहां पर एम्स परिसर निर्माण को कुल 1238 बीघा जमीन चाहिए, जिसमें से  681 बीघा जमीन मंत्रालय के नाम पहले ही ट्रांसफर कर दी गई थी और 112 बीघा जमीन का मामला था, जो कि पशुपालन विभाग की जमीन थी। इसका एनओसी हाल ही में दे दिया गया है। प्रदेश के वन विभाग ने एफसीए क्लीयरेंस के लिए मामला केंद्रीय वन मंत्रालय को भेज दिया है। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने भी वन विभाग से सूचना मांगी है। हिमाचल में एम्स के साथ-साथ ऊना जिला में पीजीआई का सेंटर भी स्थापित होना है, जिससे भी लोगों को आने वाले समय में सुविधा मिलेगी।

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