एससी-एसटी एक्ट को प्रभावहीन बनाने पर विरोध

 शिमला  —एससी-एसटी एक्ट को प्रभावहीन बनाने के विरोध में भारत बंद के आह्वान पर आज शिमला भी बंद रहेगा। जिसमें शहर के कई संगठन भाग लेंगे। संगठनों की मांग है कि एक्ट में जो संशोधन किया गया है उसे वापस लिया जाना चाहिए। बाबा साहेब अंबेडकर वेलफेयर सोसायटी के प्रधान प्रीतपाल मट्टू का कहना है कि एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ भारत बंद के आह्वान पर शिमला में भी बंद रहेगा। जिसमें विभिन्न संगठनों का सहयोग रहेगा। उन्होंने दावा किया है कि बंद में शिमला व्यापार मंडल ने भी पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। बंद को लेकर उपायुक्त शिमला को ज्ञापन सौंप कर सूचित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सोमवार को एससी-एसटी एक्ट में संशोधन के पूर्व विचार के लिए सभी समाज सेवी संगठन राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौपेंगे। हिमाचल प्रदेश दलित शोषण मुक्ति सभा जिला इकाई शिमला का आरोप है कि एससी-एसटी एक्ट (पीओए एक्ट) के लागू करने के संदर्भ में दिए गए फैसले से इस कानून को लागू करने के सख्त प्रावधानों को बहुत ही कमजोर कर दिया है। इस कानून की धारा 118 में बदलाव लाया गया है कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है। फैसले में सामाजिक असलियत की उपेक्षा की गई है। पहले ही इस कानून को सख्ती से लागू नहीं किया जाता था यहां तक कि एफआईआर दर्ज नहीं की जाती थी और अधिकतर केसों में पुलिस स्टेशनों में ही समझौते के लिए दबाव बनाया जाता है। यदि कोई केस कोर्ट में चला गया तो सालों तक उस पर फैसला नहीं दिया जाता। सभा के सचिव जगत राम का कहना है कि फैसले के तहत सरकारी क्षेत्र में इस एक्ट के तहत केस दायर करने के लिए उच्च अधिकारियों से इजाजत लेनी पड़ेगी और निजी क्षेत्र में एसएसपी से इजाजत लेनी पड़ेगी। उन्होंने कहा है कि देश में दलितों पर अत्याचार की अनेक घटनाएं भाजपा के शासन में बढ़ रही है।

आज घरों से नहीं उठेगा कूड़ा

नगर निगम शिमला सैहब सोसायटी कर्मचारी यूनियन ने भी बंद का समर्थन किया है। जिसके चलते सोमवार को शहर में डोर-टू-डोर गारबेज कलेक्शन योजना के तहत घरों से कूड़ा नहीं उठेगा। रविवार को अवकाश के चलते पहले  ही घरों से कूड़ा नहीं उठा है। ऐसे में सोमवार को भी शहर से कूड़ा न उठने पर शहर में सफाई व्यवस्था चरमरा सकती है। जनता को झेलनी पड़ सकती है दिक्कतें शिमला बंद में जनता को दिक्कतें झेलनी पड़ सकती है। वर्किंग डे में बाजार बंद रहने से जनता को रोजमर्रा की वस्तुओं की खरीददारी को लेकर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।