ऑनलाइन दवा बिक्री पर रहेगी निगरानी

बीबीएन – केंद्र सरकार ने ई-फार्मेसी को नियमित करने की दिशा में कदमताल तेज कर दी है। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों, दवा नियामकों व दवा उद्योगों को प्रस्तावित योजना का मसौदा भेज कर रायशुमारी शुरू कर दी है। मसौदे के तहत  ई-फार्मेसी ड्रग कंट्रोलर लाइसेंस से चलेगी, जिसके चलते राज्यों में अलग लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है। बताते चलें कि केंद्र सरकार ने यह फैसला डाटा का दुरुपयोग रोकने के लिए किया है। हालांकि राज्यों को भेजा गया मसौदा अंतिम नहीं है, सरकार इसके लिए राज्यों, डीजीसीई और इंड्रस्टी से राय लेगी, जिसके बाद ही अंतिम मसौदा जारी करेगी। जानकारी के मुताबिक अब तक बिना किसी ठोस नियम के ही चल रहे ऑनलाइन दवा कारोबार को जल्द ही कानूनी आधार मिल सकता है। केंद्र सरकार ने दवा बिक्री नियमन के व्यापक मसौदे में इसके लिए भी प्रावधान किए हैं। इसमें ऑनलाइन बिक्री पर ठोस निगरानी की व्यवस्था की गई है। साथ ही यह भी तय किया गया है कि ई-फार्मेसी कंपनी जिस भी राज्य में बिक्री करना चाहेगी, उसमें उसे अपना आफिस खोलना होगा और साथ ही अलग से इजाजत लेनी होगी। मौजूदा कानूनों के तहत दवाओं की ऑनलाइन बिक्री को इजाजत नहीं है। इसके बावजूद यह कारोबार काफी तेजी से बढ़ रहा है और छोटे शहरों में भी लोकप्रिय हो रहा है। ऐसे में जल्द ही औषधि और सौंदर्य प्रसाधन कानून के तहत नियमों में बदलाव कर इसको इजाजत देने की तैयारी की जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से प्रस्तावित प्रावधान में कहा गया है कि दवा कारोबार की निगरानी के लिए बनाई जा रही नई व्यवस्था में ऑनलाइन दवा कारोबार को भी शामिल किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि जब तक सभी लाइसेंसिंग अथॉरिटी की सीमा में एक कार्यालय के रूप में भौतिक उपस्थिति नहीं होगी, ई-फार्मेसी को उस इलाके में बिक्री की इजाजत नहीं दी जा सकेगी।

निर्यात को एनओसी का प्रावधान समाप्त

कारोबार सुगमता की स्थिति को बेहतर करने के लिए केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने फार्मास्युटिकल कंपनियों के लिए विभिन्न बंदरगाहों पर दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधन निर्यात के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) के प्रावधान को समाप्त कर दिया है। सीडीएससीओ द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि यदि लाइसेंसधारक विनिर्माताओं द्वारा माल को बाहर भेजने के बिल के साथ वैध लाइसेंस की प्रति भी दी जाएगी, तो एनओसी की जरूरत नहीं होगी।

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