कशैणी में मकान-सपने राख

रोहड़ू के गांव में आधी रात को भीषण अग्निकांड , महज चप्पलें ही बचा पाए ग्रामीण

रोहडू— रोहड़ू के कशैणी गांव में आग ने ऐसा कहर बरपाया कि देखते ही देखते लोगों के आशियाने जलकर राख हो गए। आग ने  उम्र भर की जमापूंजी से साथ भविष्य के सपनों को भी पलभर में राख कर डाला। यही नहीं, आग से करीब 200 साल पुराना इतिहास भी नष्ट हो गया है। यह गांव  रामपुर बुशहर के राजा शमशेर सिंह के काल से बसा हुआ है।  गांव के करिंदों की बुशहर रियासत में अहम भूमिका भी रही है। उस काल में बने यहां के पुराने घर लोगों के लिए एक यादगार भी थे। अब आग की भेंट चढ़ने से जहां बड़ी हसरतों से संजोया यह गांव नष्ट हो गया है, वहीं लोगों के दिलों में कभी नहीं उभरने वाला जख्म भी दे गया है।  गांव के बुजुर्ग सरजन दास जनारथा का कहना है कि उनके जनारथा परिवार के आज 30 से अधिक घर हो गए हैं और जिस मकान में वह रहते हैं, उसमें चार परिवार रहते हैं। जनारथा खानदान इसी घर से फैले हैं। यह घर रामपुर बुशहर के राजा के काल में बनाया गया था। अधिक ऊंचा और बढ़ा होने के कारण यह एक ऐतिहासिक धरोहर भी था। उन्होंने बताया कि उनके पास अन्य कोई भी मकान नहीं है। वह कई साल से इसी मकान की मरम्मत करते रहे हैं।  कशैणी गांव का महासू मंदिर भी इस आगजनी से नहीं बच पाया। लोगों ने अपने घरों के साथ मंदिर को भी बचाने के प्रयास किए, लेकिन मंदिर को बचाने में सफल नहीं हुए हैं। मंदिर के साथ-साथ लाखों रुपए का सामान भी आग की भेंट चढ़ गया है। आगजनी से प्रभावित परिवारों में सुरेश, राजिंद्र सिंह, दिग्विजय बृजलाल, रूंगली देवी बलवीर पुत्र भजन दास, मिसी देवी, भागचंद जगदीश चंद, सुंदर लाल मेहर चंद, प्रेम प्रकाश का कहना है कि जैसै ही आग लगी, वैसे ही गांव में अफरा-तफरी मच गई।  सभी यह कह रहे थे कि यह क्या हुआ। लोगों का कहना है कि  लपटें इतनी भयानक थी कि वे अपनी चप्पलों के सिवाय कुछ नहीं बचा पाए। सुबह लोगों का हाल जानने आए रिश्तेदारों और दोस्तों को यहीं कहते रहे कि बस चप्पलों के अलावा कुछ नहीं बचा पाए। वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज व क्षेत्र के विधायक नरेंद्र बरागटा घटनास्थल पर पंहुचे ।  शिक्षा मंत्री ने बताया कि सरकार की ओर से  प्रभावित परिवारों की हरसंभव सहायता दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने  लोगों की मांग के अनुरूप उन्हें मकान बनाने के लिए दो-दो बिस्वा जमीन गांव से बाहर देने के लिए प्रदेश सरकार व यहां तक कि केंद्र सरकार से भी बातचीत करेंगे।

20 करोड़ रुपए का नुकसान

लकड़ी का एक मकान को बनाने में 30 से 40 लाख रुपए का खर्च आता है और यहां लकड़ी के 40 घर राख हुए हैं। इसके अलावा घरों में रखा सोने चांदी के जेवरात वअन्य सामान जल कर भी नष्ट हुआ है।  इस अगिकांड में 20 करोड़ रुपए से अधिक नुकसान होने प्रारंभिक अनुमान है, जबकि प्रशासन ने  एक करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान बताया बताया है।

प्रशासन ने लगाया लंगर 

जिला प्रशासन ने लोगों के रहने व खाने की व्यवस्था बनाए रखने के लिए सामुहिक लंगर की व्यवस्था कर दी है। एसडीएम रोहडू बाबूराम शर्मा ने बताया कि लोगों के रहने के लिए पास लगते स्कूल को खाली कर दिया गया है। प्रशासन हर संभव मदद कर रहा है

तीन-तीन आईएएस पर सड़क नहीं

गांव से तीन आईएएस अफसर हैं, पर आज तक यह गांव विकास की दृष्टि से पिछड़ा रहा है। यह गांव आज तक सड़क से नहीं जुड़ पाया है।  यहां के लोगों की जुबानी यही निकलता है कि यहां पर आईएएस और अफसरों व नेताओं की लंबी कतार है, लेकिन न जाने क्यों उन्हें अपने पिछड़ते रहे इस गांव की खबर क्यों नहीं लगी।

जीवनसंगी की तलाश हैतो आज ही भारत  मैट्रिमोनी पर रजिस्टर करें– निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन करे!