कहानी और किरदार देख करूंगी फिल्म साइन

तब्बू

अपनी दमदार एक्टिंग और खूबसूरती के लिए मशहूर बालीवुड अभिनेत्री तब्बू इन दिनों लगातार कई फिल्में साइन कर रही हैं। पिछले दिनों तब्बू निर्देशक रोहित शेट्टी की फिल्म ‘गोलमाल अगेन’ में नजर आई थीं। इन दिनों तब्बू अपनी अगले हफ्ते रिलीज के लिए तैयार फिल्म मिसिंग के प्रोमोशन में जुटी हैं। तब्बू ने फिल्म के अलावा पूर्व में अपनी फिल्मों के चुनाव और बालीवुड में बदलते महिला किरदारों पर बात की। तब्बू ने यह भी कहा कि वह कभी भी किसी फिल्म का हिस्सा सिर्फ इसलिए नहीं बनेंगी क्योंकि कोई फिल्म बड़े बैनर या स्टार के साथ होगी…

 गोलमाल अगेन जैसी सुपर हिट फिल्मों के बाद आपका करियर ग्रॉफ  बेहद हाई है। फिल्मों के चुनाव में आप बेहद चूजी हैं। अब आगे किस तरह से फिल्मों को चुनेंगी?

अब भी जो ऑफर आएंगे उनमें उन्हीं फिल्मों में काम करूंगी, जिनकी कहानियां और किरदार मुझे पसंद आएंगे। किसी फिल्म का चुनाव सिर्फ  इसलिए कभी नहीं करूंगी क्योंकि वह फिल्म बड़े बैनर या बड़े स्टार्स की होगी। अगर मुझे कोई कहानी अच्छी नहीं लगेगी, तो फिल्म नहीं करूंगी।

फिल्म ‘मिसिंग’ के चुनाव की वजह क्या थी?

‘मिसिंग’ के किरदार में एक औरत के अंदर होने वाले हर तरह के पॉसिबल इमोशन है। फिल्म के निर्देशक मुकुल ने जिस तरह से किरदार को लिखा है, वह कमाल का है। अब चूंकि फिल्म एक थ्रिलर है। इसलिए न तो बहुत ज्यादा फिल्म के किरदार के बारे में बता सकती हूं और न ही कहानी के बारे में। जब आप फिल्म देखेंगे तो आपको समझ में आएगा इस किरदार को करने के पीछे क्या वजह थी।

बालीवुड की फिल्मों में जिस तरह से समय के साथ फीमेल कैरेक्टर को लेकर बदलाव आए हैं, इन बदलाव पर आप क्या कहेंगी?

बालीवुड में महिला किरदारों को लेकर जिस तरह का बदलाव आया है, वह बहुत अच्छा है। मुझे यह तो नहीं पता कि यह बदलाव क्यों आया, लेकिन मैं यह जरूर बता सकती हूं कि मैंने उन फिल्मों का चुनाव क्यों किया। मैं ‘अस्तित्व, कालापानी, मकबूल और विरासत जैसी कई और फिल्मों की कहानी सुनते ही बेहद प्रभावित हो गई थी। एक अभिनेत्री के तौर पर मेरा जो ग्रोथ हुआ है, उसमें इन फिल्मों का सबसे बड़ा योगदान है। उन किरदारों को करने से पहले मैं थोड़ा डरी हुई भी थी। मैं इस बात से खुश हूं कि फिल्म मेकर्स ने फीमेल कैरेक्टर्ज को सिर्फ  खूबसूरत और सीधी-साधी लड़की और महिला से बढ़कर उनके इमोशन और किरदारों के लेयर्स को समझा और फिल्मों के जरिए दिखा भी रहे हैं।

तब्बू आगे बताती हैं। मैं इस बात से भी खुश हूं कि दर्शकों ने भी महिलाओं के उन किरदारों को पसंद किया और अपनाया, जिनमें वह सिर्फ  नाइस गर्ल या नाइस वुमन नहीं। बल्कि उससे आगे उनके डार्क शेड्स और अलग-अलग लेयर्स भी हैं। मुझे महिला किरदारों के डार्क साइड और शेड्स को एक्सप्लॉर करना अच्छा लगता है। इसकी वजह से लोगों ने अपने निजी जीवन में भी ऐसी महिलाओं को अपनाना शुरू किया है।

अस्तित्व के बाद आपके फिल्मों के चुनाव में बदलाव आया। क्या आप इस तरह की कहानियों और किरदारों का इंतजार कर रही थीं?

मैं किसी खास तरह की फिल्मों और किरदारों का इंतजार तो नहीं कर रही थी, लेकिन जब यह किरदार मुझे ऑफर हुए, तो मैंने पहचान जरूर लिया कि यह मेरे लिए बने हैं और यह मैं करना चाहती हूं। मैं उस समय बहुत यंग थी, कॉमर्शल और मीनिंगफुल कहानियों को लेकर पहचान करना मुझे नहीं आता था। मैं तो हैदराबाद से आई थी, मुझे कॉमर्शल, पैरेलल या मीनिंगफुल सिनेमा के फर्क के बारे में कुछ नहीं पता था। मेरी फिल्मों का चुनाव मेरी पसंद के अनुसार बदलता गया। मैं जिस तरह का काम करना चाहती थी, उसके लिए मैं तैयार थी और अपने माइंड से क्लियर थी।

अपनी बात आगे बढ़ाते हुए तब्बू आगे बताती हैं। जब ‘अस्तित्व’ जैसी फिल्में आईं तो मैंने दूसरी बार सोचा तक नहीं, तुरंत साइन कर लिया था। मैं जानती थी की मैं इस तरह की कहानियों से खुद को अच्छी तरह एक्सप्रेस कर पाऊंगी अस्तित्व के पहले मैं जिस तरह का काम कर रही थी, मैं खुद समझ रही थी कि मैं और ज्यादा और बेहतर काम कर सकती हूं। मुझे ऐसा काम करना था, जिसके बारे में आम दर्शक सोच नहीं सकता था कि फीमेल एक्ट्रेस ऐसे भी परफॉर्म कर सकती है। मुझे यह समझ नहीं आता था कि उससे पहले लोग एक औरत के डार्क साइड लेयर्स को समझ क्यों नहीं रहे थे। मैं बहुत ज्यादा खुशी महसूस करती हूं कि ‘अस्तित्व’ और ‘मकबूल’ जैसी कई और बेहतरीन फिल्में मेरे हिस्से में आईं।