किताबें ही नहीं, कानूनी प्रकिया भी समझें छात्र
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अर्जन कुमार ने दिए टिप्स, वकीलों-न्यायाधीशों से लें प्रैक्टिकल नॉलेज
शिमला – प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय शिमला में रविवार को शिमला लॉ रिव्यू पत्रिका के विमोचन पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अर्जन कुमार सिकरी बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छात्र कानून की बेहतर जानकारी के लिए पाठ्यक्रम की पुस्तकों पर ही निर्भर न रहें। वह विधि विद्यार्थी अदालतों में अधिवक्ताओं व न्यायाधीशों के मध्य होने वाली कानूनी प्रक्रिया की व्यावहारिक जानकारी भी अवश्य प्राप्त करें। इस पत्रिका में देश के विभिन्न विधि विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों के आलेख छात्रों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्द्धक व उपयोगी सिद्ध होंगे। उन्होंने अपने जीवन व सेवाकाल के अनुभव छात्रों के साथ सांझा किए। प्राध्यापकों के आलेखों में व्यक्त नवीन वैधानिक विचारों व दर्शनों के आधार पर ही कानून व संविधान में विकासात्मक बदलाव व संशोधन संभव हुआ है। शिमला लॉ रिव्यू भी इस तरह के आलेखों का माध्यम है जो भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय शिमला के कुलपति न्यायाधीश संजय करोल ने कहा कि इस विश्वविद्यालय की गणना देश के प्रख्यात विधि विश्वविद्यालयों में नौंवे स्थान पर आंकी गई है, जिसका श्रेय पूर्व कुलपति प्रोफेसर एससी रैना को जाता है। उन्होंने कहा कि पत्रिका के आगामी संस्करणों में न्यायाधीशों के आलेखों के साथ-साथ छात्रों के लेख भी प्रकाशित किए जाएंगे। प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के छात्र अपनी पाठ्यक्रम या अन्य तरह की समस्या के हल के लिए मेल व व्हाट्सऐप के माध्यम से भी उनसे संपर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर, न्यायाधीश चंद्रभूषण बारोवालिया, पूर्व कुलपति प्रो. सुभाष चंद्र रैना, रजिस्ट्रार प्रो. सुरेंद्र सिंह जसवाल, सहायक प्रोफेसर चंचल कुमार सिंह, उपमंडलाधिकारी ग्रामीण अनिल शर्मा, प्राध्यापक, अधिकारी, प्रताप चैहान व छात्र उपस्थित रहे।
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