कॉमर्स-आर्ट्स में बराबरी की चोट

By: Apr 25th, 2018 12:15 am

धर्मशाला – प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित जमा दो की सभी संकायों की वार्षिक परीक्षाओं में आर्ट्स में सरकारी स्कूलों का दबदबा रहा, जबकि कॉमर्स में दोनों में बराबरी रही। वहीं साइंस के दो टॉपर्ज में से एक साहिल कतना भी सरकारी स्कूल हैं, लेकिन कुल मिलाकर इस संकाय में प्राईवेट स्कूल लाज बचाने में कामयाब हुए। पिछले साल मात्र आर्ट्स विषय में ही सरकारी स्कूल छाए थे। आर्ट्स की मेरिट में शामिल सभी 17 स्थानों में से 14 में सरकारी और मात्र तीन में ही प्राइवेट स्कूलों को स्थान मिल पाया है। साथ ही कॉमर्स भी में सरकारी स्कूलों ने बाजी मारते हुए कुल 23 टॉपर्ज में 12 में सरकारी और 11 में प्राइवेट स्थान बना पाए हैं। साइंस में प्राइवेट स्कूलों ने टॉप-टेन के कुल 40 स्थानों में 32 में, जबकि सरकारी स्कूल मात्र आठ तक ही सिमट कर रह गए हैं। इस बार सरकारी स्कूलों ने कमाल करते हुए साइंस और कॉमर्स के राज्य के टॉपर सूची अपने नाम की है।

साइंस

साइंस स्ट्रीम में टाप-टेन 10 छात्रों में से 32 होनहार प्राइवेट स्कूलों के टॉपर गवर्नमेंट से

आर्ट्स

आर्ट्स की मैरिट में सभी 17 स्थानों में से 14 सरकारी स्कूलों से। प्राइवेट स्कूलों के मात्र तीन होनहारों ने आर्ट्स में रखी लाज

कॉमर्स

कॉमर्स में बराबरी पर दोनों स्कूल। टॉप-टेन 23 टॉपर्ज में 12 में सरकारी और 11 में प्राइवेट स्कूलों के होनहारों की धाक

हमीरपुर फिर शिखर पर

 हमीरपुर- शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश भर में नंबर वन का खिताब हासिल कर चुके हमीरपुर जिले ने एक बार फिर बता दिया है कि शिक्षा के क्षेत्र में वह शिखर पर ही है। मंगलवार को घोषित हुए जमा दो के परीक्षा परिणाम में हमीरपुर जिले ने साइंस और आर्ट्स दोनों विषयों में टॉपर दिए हैं। मजेदार बात यह है कि दोनों ही स्टूडेंट्स सरकारी स्कूलों से हैं। इनमें आर्ट्स में 95.8 फीसदी अंक हासिल कर प्रदेश भर में टॉप करने वाली अक्षमा ठाकुर महाराजा संसार चंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल सुजानपुर की छात्रा हैं, जबकि साइंस में 98 प्रतिशत अंक हासिल कर टॉप करने वाले साहिल कत्तना राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बगवाड़ा के छात्र हैं। शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ रहे प्रदेश के सरकारी स्कूलों की लाज इस बार आर्ट्स संकाय के विद्यार्थियों ने बचा ली है, जबकि कॉमर्स और साइंस में सरकारी स्कूलों के परिणाम निराशाजनक रहे हैं। परिणाम से सवाल खड़ा हो रहा है कि जब सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के वेतन और अन्य सुविधाएं प्राइवेट से बेहतर हैं, तो पढ़ाई में इतना फर्क क्यों आ रहा है, जबकि सरकार सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के हर संभव प्रयास करने में लगी है। ऐसा भी नहीं कि यहां के शिक्षक कम पढ़े-लिखे हैं। अभिभावकों की मानें तो सरकारी स्कूलों में अधिकतर शिक्षक राजनीति करने और तबादलों में ही उलझे रहते हैं।

12 वीं के आंकड़े

कुल छात्र    98281

पास छात्र    68621

फेल छात्र    13167

कंपार्टमेंट    15785

टोटल अब्सेंट   507

छात्राएं       46439

पास हुई गर्ल्ज   34406

छात्र           51335

पास हुए ब्वायज    34215

कुल आरएलडी      93

कुल आरएलई        10

कुल पीआरएस       93

कुल पीआरसी        152

कुल पास प्रतिशत    70.18

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