गुरुमंत्र :‘बॉस इज ऑलवेज राइट’ यह सूत्र वाक्य याद रखें

By: Apr 18th, 2018 12:10 am

उन स्थितियों को भी हमेशा याद रखने की कोशिश करें, जब भावनाओं पर आपका नियंत्रण नहीं रहता। जिन स्थितियों में आपको ज्यादा गुस्सा आता है या जब आप अति उत्साहित होकर बहुत ऊंचे स्वर में बोलने लगते हैं, तब सचेत तरीके से भावनाओं पर काबू रखने की कोशिश करें। शुरुआत में आप के लिए ऐसा करना मुश्किल होगा, लेकिन धीरे-धीरे यह आपकी आदत बन जाएगी…

आपके निजी जीवन से आपका पेशेवर रवैया बिलकुल अलग होता है। निजी जीवन की प्राथमिकताएं भी पेशेवर जीवन की प्राथमिकताओं से बिलकुल अलग होती हैं। इसलिए कई बार दोनों के बीच सामंजस्य बिठा पाना लोगों के लिए मुश्किल हो जाता है, लेकिन करियर में सफलता पाने के लिए इसमें सामंजस्य बिठाना बहुत जरूरी है। यह आफिस है- आपका घर नहीं, यह छोटा-सा जुमला हमें अकसर सुनने को मिलता है। निजी जीवन में जहां आप भावनाओं को सबसे अधिक महत्त्व देते हैं, आपके पेशेवर व्यक्तित्व में भावुकता का कोई स्थान नहीं होता। इस बात के लिए एक नहीं कई संदर्भ हो सकते हैं। आज समय की मांग ऐसी है कि हर इनसान कार्यस्थल पर खुद को अच्छा प्रोफेशनल साबित करना चाहता है और इसके लिए वह जी-जान से मेहनत भी करता है, लेकिन इसके लिए केवल मेहनत ही काफी नहीं है, बल्कि करियर में सफल होने के लिए अपनी भावनाओं की सही ढंग से अभिव्यक्ति और उन पर नियंत्रण भी बहुत जरूरी है।

आजकल ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को इंप्रेशन मैनेजमेंट की ट्रेनिंग देती हैं। इसमें यह सिखाया जाता है कि इनसान व्यक्तिगत रूप से चाहे कितना ही तनावग्रस्त क्यों न हो, लेकिन आफिस में लोगों से बातचीत करते समय उसके चेहरे और बॉडी लैंग्वेज में तनाव बिलकुल दिखाई नहीं देना चाहिए, क्योंकि सहकर्मियों पर इसका बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसलिए आफिस में कामकाज का स्वस्थ माहौल बनाए रखने के लिए अगर आप इन बातों का ख्याल रखें तो यह आपके करियर के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। सबसे पहले अपने व्यक्तित्व की कमजोरियों को पहचान कर उन्हें डायरी में नोट करें। साथ ही उन स्थितियों को भी हमेशा याद रखने की कोशिश करें, जब भावनाओं पर आपका नियंत्रण नहीं रहता। जिन स्थितियों में आपको ज्यादा गुस्सा आता है या जब आप अति उत्साहित होकर बहुत ऊंचे स्वर में बोलने लगते हैं, तब सचेत तरीके से भावनाओं पर काबू रखने की कोशिश करें। शुरुआत में आप के लिए ऐसा करना मुश्किल होगा, लेकिन धीरे-धीरे यह आपकी आदत बन जाएगी। आपके आफिस में कुछ ऐसे लोग जरूर होंगे, जो आपको नापसंद होंगे, लेकिन ऐसे लोगों के साथ भी अच्छे प्रोफेशनल संबंध बनाए रखना बेहद जरूरी होता है, इसलिए यह नियम बना लें कि जिन्हें आप नापसंद करते हैं, उनके साथ भी आपका व्यवहार शिष्ट होना चाहिए और उनसे उतनी ही बातचीत करें, जितनी कि काम के संदर्भ में जरूरी हो। आपके बॉस के व्यक्तित्व और उनके मनोविज्ञान को ध्यान से समझने की कोशिश करें और उसके अनुरूप व्यवहार करें। बॉस इज ऑलवेज राइट इस सूत्र वाक्य को हमेशा ध्यान में रखें। किसी भी मुद्दे पर उनसे बेवजह तर्क-वितर्क कभी न करें। अगर काम से संंबंधित मुद्दे पर बॉस या सहकर्मी से आपकी असहमति भी हो तो आप शालीनता से अपने विचार व्यक्त करें। अगर किसी सहकर्मी के बुरे व्यवहार से आपको गुस्सा आए, तब भी अपने क्रोध पर नियंत्रण रखने की कोशिश करें और उसी वक्त अपनी प्रतिक्रिया जाहिर न करें, लेकिन बाद में विनम्रतापूर्वक उसे उसकी गलती का एहसास जरूर कराएं।

  • एके मिश्रा, निदेशक, चाणक्य अकादमी, नई दिल्ली

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