चार दिन में 95 हजार टैक्स जमा

By: Apr 30th, 2018 12:10 am

 बिलासपुर  —भाखड़ा विस्थापितों का शहर अब टैक्स देने के लिए मजबूरन हो गया है, क्योंकि नगर परिषद ने शहर के 11 वार्डों में टैक्स नोटिस जारी करने की कवायद समाप्त कर दी है। लोगों ने पहले चरण में ही 95 हजार तक टैक्स जमा करवा दिया है। पहले चरण में हजारों रुपए जमा होना आने वाले भविष्य में अच्छे समय के संकेत है। नगर परिषद के अधिकारी बताते हैं कि अप्रैल माह से टैक्स लगना शुरू हो गया है। शहर में90 प्रतिशत लोगों को टैक्स वसूली के नोटिस जारी कर दिया है, परंतु कुछ एक लोगों द्वारा आपत्ति जताने पर लोगों से सहयोग मिल पाना असंभव हो रहा है। शहरवासियों को टैक्स देने के लिए पूरा योगदान देना चाहिए, क्योंकि करोड़ों रुपए के कर्ज में डूबी नगर परिषद बिलासपुर को अगर टैक्स मिलता है तो तभी वह कर्ज मुक्त व शहरों और गलियों में विकासत्मक कार्य होंगे। गौर हो कि बिलासपुर शहर पूरे हिमाचल प्रदेश का ऐसा जिला है, जो टैक्स मुक्त था, परंतु जैसे-जैसे समय बीतता गया, वैसे-वैसे जरूरतों के हिसाब से टैक्स वसूलने के लिए प्रदेश सरकार के आदेश जारी हुए। इसके चलते 2017 से ही नगर परिषद ने नोटिस जारी करना शुरू कर दिए थे कि 2018 के शुरुआती चरण में ही हाउस टैक्स देना अनिवार्य होगा। इसके चलते अब भाखड़ा विस्थापित टैक्स देने को तैयार हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि यह हाउस टैक्स साल में एक बार लिया जा रहा है, जिसके चलते लोगों की जमीन के हिसाब से टैक्स वसूला जाएगा। नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि शहर में तीन से चार घर ऐसे हैं, जिन्हें 10 हजार रुपए तक का टैक्स जमा करवाना होगा। इसी के साथ लोगों को ज्यादातर 50 से 500 रुपए तक की वसूली की जा रही है, क्योंकि प्रॉप्रटी के हिसाब से ही टैक्स वसूली हो रही है। नगर परिषद को अभी तक टैक्स वसूली करते कुछ दिन हुए हैं, परंतु अधिकारियों ने शहरवासियों द्वारा अच्छा सहयोग करने पर उनका धन्यवाद भी किया है।

हाउस टैक्स के लिए लगेगा अलग से काउंटर

नगर परिषद हाउस टैक्स वसूली को लेकर अलग से काउंटर स्थापित कर रही है, क्योंकि कुछ दिनों के भीतर ही लोग जब टैक्स जमा करवाने आते थे तो उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। इस तरह परेशानियों को मद्देनजर रखते हुए नगर परिषद ने एक अलग से काउंटर बनाने जा रही है, ताकि लोगों को सीधे तौर से ही टैक्स जमा करवाने के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।

बिजली बोर्ड का करोड़ों का कर्ज चुकाया

काफी सालों से नगर परिषद बिजली विभाग के कर्ज में डूबी हुई थी, परंतु नई सरकार बनने पर पहल ग्रांट में ही प्रदेश सरकार ने एक करोड़ 62 लाख रुपए का कर्ज वापस कर दिया है, क्योंकि नगर परिषद का यह कर्ज दिन-प्रतिदिन इतना बढ़ गया था कि कुछ

दिनों तक तो बिजली बोर्ड ने शहर की स्ट्रीट लाइटें भी बंद रखी थीं, परंतु अब बिजली बोर्ड का सारा बिल नगर परिषद ने वापस कर दिया है।

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