जापान से आएंगे 650 करोड़

By: Apr 4th, 2018 12:01 am

हिमाचल फोरेस्ट इको सिस्टम्स मैनेजमेंट-आजीविका सुधार के लिए परियोजना

शिमला   – जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) हिमाचल को 650 करोड़ रुपए की मदद देगी। यह वित्तीय मदद ‘हिमाचल प्रदेश फोरेस्ट इको सिस्टम्स मैनेजमेंट एवं आजीविका सुधार के लिए परियोजना’ को मिलेगी। जापान इंटरनेशनल को-आपरेशन एजेंसी ने 11136 मिलियन जापानी येन (करीब 650 करोड़ रुपए) का आफिशियल डिवेलपमेंट असिस्टेंस (ओडीए) लोन मुहैया करवाने के लिए भारत सरकार के साथ एक अनुबंध पर टोकयो में हस्ताक्षर किए गए। एजेंसी द्वारा यह लोन बेहद रियायती दरों पर हिमाचल को दिया जाएगा। यह लोन परियोजना की गतिविधियों के लिए 1.3 प्रतिशत की ब्याज दर और परामर्श सेवाओं के लिए 0.01 प्रतिशत की ब्याज दर और पुनर्भुगतान की अवधि के 30 वर्ष के लिए प्रदान किया जाएगा। ओडीए लोन अनुबंध पर सुजान आर चिनाय, जापान में भारत के राजदूत और जुनिची यामादा, सीनियर वाइस प्रेजिडेंट, जेआइसीए ने टोकयो में विदेशी मामलों के मंत्रालय के लिकुरा हाउस में हस्ताक्षर किए। इस मौके पर ताकेमा साकामाटो, जेआईसीए इंडिया आफिस ने कहा कि जेआईसीए वन क्षेत्र में आजीविका सुधार और गरीबी उन्मूलन का महत्त्व जानता है और यह परियोजना वनों एवं हरित व बंजर भूमि की गुणवत्ता सुधारने पर काम करेगी। फोरेस्ट इकोसिस्टम्स मैनेजमेंट एवं आजीविका सुधार के लिए परियोजना का उद्देश्य प्रोजेक्ट एरिया में वन क्षेत्र इको सिस्टम को प्रबंधित करना एवं उसे बढ़ाना है। परियोजना की गतिविधियां बिलासपुर, शिमला, मंडी, कुल्लू, किन्नौर, और लाहुल-स्पीति में क्रियान्वित की जाएंगी। हिमालयन बायोडायवर्सिटी हॉटस्पॉट में आती है और  राज्य की विलुप्त हो रही प्रजातियां इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की रेड लिस्ट में हैं। हालांकि, समृद्ध जैवविविधता को लेकर खतरा मौजूद है, ऐसे में बाहरी तत्त्वों के कारण वहां रहने वाले जीव-जंतुओं को होने वाला नुकसान, फायरवुड एवं फोडर का अत्यधिक खनन, और जंगल में लगने वाली आग अन्य खतरे हैं। जैवविविधता संरक्षण को केंद्रित ढंग से नहीं लिया गया है। इसका कारण लोगों अधिकारियों में मूल्य और जैवविविधता के महत्त्व पर जागरूकता न होना शामिल है।

महिलाओं को मिलेगा इन्सेंटिव

हिमाचल में ज्यादातर महिलाएं वन संबंधी गतिविधियों में शामिल रहती हैं। यह परियोजना महिलाओं को इको सिस्टम मैनेजमेंट गतिविधियों में हिस्सा लेने के लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद से इन्सेंटिव मुहैया कराएगी। जेआइसीए ने ‘स्वान रिवर इंटीग्रेटिड वाटरशेड मैनेजमेंट प्रोजेक्ट’ के लिए लगभग 200 करोड़ रुपए का ओडीए लोन भी मुहैया करवाया है। जेआईसीए ने प्रदेश क्रॉप डायवर्सिफिकेशन प्रोमोशन प्रोजेक्ट और प्रदेश में टेक्निकल को-आपरेशन प्रोजेक्ट फॉर क्रॉप डायवर्सिफिकेशन को सहयोग देना जारी रखा है।


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