टांडा में मेडिपर्सन एक्ट के तहत मामला दर्ज

टीएमसी में डाक्टरों से बदसलूकी पर प्रदर्शन, चारों आरोपी गिरफ्तार

टीएमसी—डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा में रविवार रात ड्यूटी के दौरान डाक्टरों के साथ हुई बदसलूकी के मामले में पुलिस ने आईपीसी की धारा 353 और मेडिपर्सन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। मामले में चारों युवकों को भी गिरफ्तार किया है। इस बात की पुष्टि डीएसपी कांगड़ा ने की है। एसडीएम कांगड़ा और डीएसपी कांगड़ा सोमवार को खुद पूछताछ के लिए टांडा गए थे। डाक्टरों के साथ हुई बदसलूकी के मामले में मेडिपर्सन एक्ट के तहत दर्ज हुआ यह पहला मामला बताया जा रहा है। इससे पहले डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा स्थित अस्पताल में रविवार रात ड्यूटी के दौरान महिला डाक्टर समेत अन्य डाक्टरों के साथ हुई बदसलूकी और धक्कामुक्की के मामले में सोमवार को आरडीए (रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन) ने गेट मीटिंग कर प्रदर्शन किया। डाक्टरों ने मांग की कि आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 (सरकारी ड्यूटी पर काम करने में बाधा पहुंचाना) और मेडिपर्सन एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाए। जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह नौ बजे आरडीए की कॉल पर सभी जूनियर और सीनियर रेजिडेंट डाक्टरों ने टांडा स्थित सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन साढ़े 11 बजे तक चला। डाक्टरों का कहना था कि रविवार रात जिस तरह से ड्यूटी पर तैनात डाक्टरों से बदसलूकी की गई है, उससे डाक्टरों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा हो गया है। रात को हुए घटनाक्रम में भी वहां तैनात सिक्योरिटी मैन ने मामले में हस्तक्षेप करने के बजाय वहां से खिसकना मुनासिब समझा। बाद में पुलिस में नशे में धुत्त चार युवकों को गिरफ्तार किया। आरडीए की ओर से इस मामले के संदर्भ में टीएमसी के प्रिंसीपल को भी ज्ञापन सौंपा गया। बताते हैं कि इस दौरान आरडीए की ओर से डाक्टरों ने नगरोटा बगवां के विधायक अरुण मेहरा से भी मुलाकात की। साथ ही मांग की गई की डाक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। बता दें कि अस्पताल के अंदर शराब पीकर आए चार युवकों ने डाक्टरों के साथ बदसलूकी की थी।

क्या है मेडिपर्सन एक्ट

मेडिपर्सन एक्ट डाक्टरों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। 2017 में इस एक्ट को बनाया गया था। इस एक्ट के अनुसार यदि अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात किसी डाक्टर के साथ कोई व्यक्ति बदसूलकी या मारपीट आदि करता है तो उस व्यक्ति का ओफेंस नॉन बेलेबल होगा। यानी आरोपी को जमानत नहीं मिलेगी। आरोपी पर यह कार्रवाई डाक्टर द्वारा की गई एक शिकायत के आधार पर हो जाएगी।

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