टॉप-100 में हिमाचल का कोई कालेज नहीं

By: Apr 4th, 2018 12:20 am

शिमला – देश के टॉप-100 उच्च शिक्षण संस्थानों में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय एक बार फिर अपनी जगह नहीं बना पाया है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से नेशनल इंस्टीच्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के तहत देश के टॉप-100 शिक्षण संस्थानों की वर्ष 2018 की रैंकिंग जारी कर दी गई है। सरकार की ओर से जारी की गई रैंकिंग में प्रदेश विवि न तो ओवरआल 100 संस्थानों में जगह बना पाया है, न ही देश के विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में विवि को जगह मिली है। रैंकिंग 2018 में ओवरआल संस्थानों में इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस बंगलूर को पहला स्थान दिया गया है, जबकि दूसरे स्थान पर आईआईटी चेन्नई है। इस बार मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने रैंकिंग नौ कैटेगिरी में जारी की है। इसमें ओवरआल, यूनिवर्सिटी, इंजीनियरिंग, कालेज, मैनेजमेंट, फार्मेसी, मेडिकल, आर्किटेक्चर और लॉ संस्थानों को शामिल किया गया है। इस वर्ष कुल 3954 इंस्टीच्यूट्स ने इस रैंकिंग में हिस्सा लिया था। यह आंकड़ा पिछली बार से 745 ज्यादा है। रैंकिंग में  जहां तक बात की जाए प्रदेश के संस्थानों की, तो यह चौंकाने वाली बात है कि प्रदेश का कोई भी संस्थान इस बार रैंकिंग में टॉप 100 में जगह नहीं बना पाया है, जबकी पिछले साल ओवरआल रैंकिंग में दो शिक्षण संस्थान जगह बनाने में सफल हो पाए थे। इसमें इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मंडी को 45.62 अंक से 37वां स्थान प्राप्त हुआ है व डा. वाईएस परमार बागबानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय को 39.54 अंकों के साथ ओवरआल रैंकिंग में 84वां स्थान मिला है। मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के मानव विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने संस्थानों की यह रैंकिंग जारी की है। रैंकिंग की यह प्रक्रिया वर्ष 2016 में शुरू की गई थी। विश्वविद्यालय कैटेगिरी में डा. वाईएस परमार हार्टिकल्चर और फोरेस्ट्री विवि ने 71 रैंक 40.30 स्कोर कर हासिल किया है। 150 से 200 की रैंकिंग में चितकारा यूनिवर्सिटी सोलन और इसी श्रेणी में एचपीयू 171वें स्थान पर है। अन्य कैटेगिरी में इंजीनियर में संस्थानों में इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मंडी 50.44 रैंक के साथ 28वें और इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मंडी 41.17 स्कोर के साथ 64वें और जेपी विवि ऑफ इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी 37 स्कोर प्राप्त कर 84वें रैंक पर आई है। फार्मेसी संस्थानों में मात्र एक संस्थान शूलिनी विवि 44.22 स्कोर के साथ 30वें स्थान पर है। आर्किटेक्चर कैटेगिरी में नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी हमीरपुर ने 46.04 स्कोर के साथ नौवां रैंक हासिल किया है। ओवरआल रैंकिंग में पालमपुर कृषि विवि 150 से 200 का रैंक हासिल कर पाया है। इसके अलावा कालेज, मैनेजमेंट, मेडिकल और लॉ संस्थानों में प्रदेश का कोई भी संस्थान जगह नहीं बना पाया है।

पिछले साल भी पिछड़ा

नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ रैंकिंग फ्रेमवर्क में एचपीयू नैक से ए गे्रड मिलने के बाद भी स्थान नहीं बना पाया है। 2017 में विवि ने इस रैंकिंग फ्रेमवर्क के लिए आवेदन भी किया था, लेकिन इसके बाद भी विवि प्रदेश के ओवरआल टॉप-100 संस्थानों में रैंकिंग में जगह न पाने के साथ ही टॉप-100 विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में भी जगह नहीं बना पाया था। इस बार भी स्थिति विश्वविद्यालय के लिए जस की तस है।

इंजीनियरिंग संस्थानों के आंकड़े

पिछले साल इंजीनियरिंग संस्थानों में 28वां स्थान इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ मंडी और 59वां स्थान नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी हमीरपुर को मिला। इसके अलावा जेपी यूनिवर्सिटी ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी सोलन को 83वां स्थान मिला था। वहीं विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में प्रदेश से डा. वाईएस परमार बागबानी और वानिकी विश्वविद्यालय को 54वां और जेपी यूनिवर्सिटी ऑफ इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजी सोलन को 93वां स्थान मिला है। फार्मेसी में शूलिनी यूनिवर्सिटी ऑफ बायो टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट साइंस सोलन ही जगह बना पाया था और संस्थान को 39वां स्थान फार्मेसी संस्थानों में प्राप्त हुआ था। एनआईआरएफ की शुरुआत सितंबर, 2015 में की गई थी और इसके द्वारा पहली रैंकिंग चार अप्रैल, 2016 को जारी की गई थी। इसके बाद अप्रैल 2017 में दूसरी बार रैंकिंग जारी की गई।


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