डल झील का पानी सूखा…कीचड़ में तड़प रहीं मछलियां

 धर्मशाला —पर्यटन एवं बौद्ध नगरी धर्मशाला-मकलोडगंज के नड्डी डल लेक का पानी सूख गया है। झील के सुराख को सही ढंग से न भर पाने के कारण अधिक मात्रा में पानी रिस रहा है। इसके कारण अब झील का अस्तित्व खतरे में आ गया है। वहीं पानी सूखने से मछलियां भी तड़पने के लिए मजबूर हो गई हैं। चार करोड़ से एडीबी प्रोजेक्ट के तहत झील के सौंदर्यीकरण की योजना वर्षों बाद भी अधर में लटकी हुई है। पर्यटन सीजन में देश-विदेश से आने वाले लाखों पर्यटकों को भी एक बार फिर से मायूस होकर लौटना पड़ रहा है।  झील का पानी सुराख में अधिक मात्रा में रिसने के कारण अब आधी से भी अधिक झील सूख कर मात्र कीचड़ ही रह गई है। झील के कुछेक हिस्से में ही पानी की थोड़ी सी मात्रा नजर आ रही है।  सर्दियों में पहाड़ों में कम बर्फबारी और बारिश होने के कारण तीन में से दो मुखों से भी कम मात्रा में पानी पहुंच रहा है। हालांकि अभी तक गर्मी अधिक मात्रा में नहीं पड़ी है, बावजूद इसके पानी का रिसाव होने के कारण झील अभी से सूख गई है।

…कोरी घोषणाएं

स्थानीय लोगों में पूर्व जिला परिषद सदस्य प्रेम सागर, अनिल पठानिया, आशीष नैहरिया, सुनील कपूर, अविनाश शर्मा, राहुल कुमार, सोनू, नितेश नैहरिया और मोहिंद्र कपूर का कहना है कि कई वर्षों से करोड़ों रुपए की घोषणाएं की जा रही हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर नड्डी डल लेक के सुधारीकरण को लेकर कोई भी कार्य नहीं हो पाया है।

झील को खतरा

नड्डी डल झील का पानी हर वर्ष सूख रहा है। इसके कारण झील में हजारों मछलियों के जीवन पर भी बड़ा खतरा पैदा हो जाता है। इससे पहले भी लगातार दो-तीन वर्षों से झील के पानी सूखने का मामला सामने आ चुका है।  मीडिया और स्थानीय लोगों द्वारा मुद्दा उठाए जाने पर ही रिसाव के सुराख को भरने का कार्य शुरू किया जाता है।

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