ताउम्र जेल में आसाराम

By: Apr 26th, 2018 12:17 am

नाबालिग से रेप के मामले में दो सहयोगियों को भी 20-20 साल की कैद

जोधपुर— राजस्थान की जोधपुर की स्थानीय अदालत ने नाबालिग से यौन शोषण के मामले में आरोपी कथा वाचक आसाराम को प्राकृतिक मौत तक जेल में रहने तथा दो अन्य सेवादारों को बीस-बीस साल की सजा सुनाने के साथ ही पांच लाख रुपए का अर्थ दंड भी लगाया। अनुसूचित जाति-जनजाति विशेष अदालत के न्यायाधीश मधु सुदन शर्मा ने बुधवार को केंद्रीय कारागार में लगाई गई विशेष अदालत में यह फैसला सुनाया। देश के इतिहास में यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें पोक्सो अधिनियम के तहत उम्र कैद की सजा दी गई है। आसाराम को रियायत देने से इनकार करते हुए जज मधुसूदन शर्मा ने कहा कि उनका अपराध घिनौना है और उन्हें मौत तक जेल में रहना होगा। इंदिरा गांधी के हत्यारों, आतंकी अजमल आमिर कसाब और डेरा प्रमुख गुरमीत राम-रहीम के केस के बाद यह देश का चौथा ऐसा बड़ा मामला है, जब जेल में कोर्ट लगी और वहीं से फैसला सुनाया गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक फैसला सुनते ही आसाराम फूट-फूटकर रोने लगा और अपनी पगड़ी उतार दी। अदालत ने पोक्सो और एससी-एसटी एक्ट समेत 14 धाराओं में आसाराम को दोषी करार दिया। आसाराम के वकीलों ने सजा कम करवाने के लिए तमाम दलीलें दीं, लेकिन वह काम न आईं। एससी-एसटी कोर्ट के विशेष जज मधुसूदन शर्मा की अदालत में आसाराम के वकीलों ने कहा कि उनके मुवक्किल को कम से कम सजा दी जानी चाहिए, क्योंकि उनकी उम्र अधिक है। 2013 से न्यायिक हिरासत में जेल में बंद आसाराम की आयु फिलहाल 78 वर्ष के करीब है। अपराध के दौरान उनकी आयु 74 वर्ष थी। ऐसे में उनके वकीलों का कहना था कि आसाराम की आयु काफी अधिक है और इसके मद्देनजर उन्हें 10 वर्ष से कम की सजा दी जानी चाहिए। हालांकि पीडि़ता के वकीलों ने इसका विरोध करते हुए कहा कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए आसाराम को कड़ी से कड़ी सजा जाए। लंच के बाद दोबारा शुरू हुई अदालत की कार्यवाही में विशेष जज मधुसूदन शर्मा ने तमाम दलीलों को सुनने के बाद आसाराम का आजीवन कैद की सजा सुनाई। इस मामले में सहअभियुक्त शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 साल कैद की सजा सुनाई, जबकि अन्य दो आरोपियों प्रकाश और शिव को रिहा कर दिया। पीडि़ता के अधिवक्ता ने अदालत में याचिका दाखिल कर एक करोड़ रुपए मुआवजे की मांग की है। उधर, आसाराम के वकील नीलम दुबे ने कहा कि इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की जाएगी। बता दें कि छात्रावास की वार्डन शिल्पी पर इलाज के लिए छात्रा को प्रेरित कर आसाराम के पास भेजती थी। वहीं, आसाराम के गुरुकुल के संचालक शरतचंद्र पर आरोप है कि उसने छात्रा की बीमारी का इलाज नहीं कराया। उसने छात्रा के परिजनों को भ्रमित किया कि छात्रा का इलाज सिर्फ आसाराम ही कर सकते हैं।

सजा सुन सिर पकड़कर रोने लगा बलात्कारी

जोधपुर- सुनवाई शुरू होने पर आसाराम सामान्य दिख रहा था। सुनवाई के दौरान एक समय ऐसा भी आया, जब वह हंस पड़ा। हालांकि जल्द ही उसकी यह हंसी काफूर हो गई। जोधपुर कोर्ट में जैसे ही जज ने अपना फैसला सुनाना शुरू किया, आसाराम के चेहरे की रंगत उड़ने लगी। कोर्ट द्वारा उम्रकैद की सजा सुनाए जाने के बाद तो वह सिर पकड़कर फूट-फूटकर रोने लगा। उसकी आंखों से आंसू थम नहीं रहे थे। उसे कुछ समय के लिए अकेला छोड़ दिया गया, ताकि वह सामान्य हो सके।

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