दो बार ले रहे आरक्षण का लाभ

By: Apr 2nd, 2018 12:01 am

हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक कल्याण समिति ने उठाया मुद्दा

 बिलासपुर— हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक कल्याण समिति के अध्यक्ष सूबेदार प्रकाश चंद ने कहा कि सेना से रिटायर होने के बाद पूर्व सैनिकों अथवा उनके किसी एक आश्रित को प्रदेश में सरकारी नौकरी में आरक्षण मिलता है। यह सुविधा केवल एक बार मिलती है, लेकिन दिक्कत यह है कि पहुंच या प्रभाव का सहारा लेकर कई पूर्व सैनिक न केवल खुद इस आरक्षण का लाभ ले चुके हैं, बल्कि इसी कोटे के तहत वे एक या उससे अधिक आश्रितों को भी नौकरी दिला रहे हैं। रविवार को सूबेदार प्रकाश चंद ने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि सैनिक कल्याण विभाग में इस बारे में कोई रिकार्ड ही नहीं है। कई पूर्व सैनिक ऐसे भी हैं, जिन्हें रिटायरमेंट के बाद न तो खुद को नौकरी का मौका मिल पाया और न ही वे अपने किसी आश्रित को इसका लाभ दिला पाए। उन्होंने कहा कि जिस भी पूर्व सैनिक या उसके आश्रित ने नौकरी के लिए आवेदन किया है, उनसे यह एफिडेविट भी लिया जाए कि उन्होंने खुद या उनके परिवार के किसी भी सदस्य ने 15 फीसदी आरक्षण के तहत अब तक कोई लाभ नहीं लिया है। उन्होंने प्रदेश के सभी विभागों में इस नियम को सख्ती से लागू करने के साथ ही दी गई नौकरी का पूरा रिकार्ड सैनिक कल्याण विभाग में रखने की भी वकालत की है। इस मौके पर कैप्टन सुभाष चंद, हंसराज, संजय चौधरी, संजीव, अनिल, रविदत्त, जरनैल सिंह, विजय, मुकेश, मनोज, अश्वनी, सुनील, सुशील, अजय व धीरज आदि भी मौजूद रहे।

पहले वेटिंग लिस्ट वालों को मिले नियुक्ति

सूबेदार प्रकाश चंद ने कहा कि अकेले शिक्षा विभाग में पूर्व सैनिक कोटे से 393 पद भरे जाने हैं। इनमें टीजीटी आर्ट्स, मेडिकल व नॉन मेडिकल श्रेणियां शामिल हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इन पदों पर सबसे पहले उन पूर्व सैनिकों के आश्रितों को नियुक्ति दी जाए, जो पिछले साल से वेटिंग लिस्ट में हैं।


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