परवाणू-शिमला सड़क में तीन सुरंगें

सोलन— परवाणू-शिमला फोरलेन में अब तीन सुरंगे निर्मित की जाएंगी तथा रेल यातायात को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए कुल तीन फ्लाई ओवर रेलवे ब्रिज बनेंगे। तीन चरणों में पूरा होने वाले इस पूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए कुल 910 दिनों का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। इसमें शेष बचे भूमि अधिग्रहण कार्य तथा अन्य औपचारिकताओं को पूरा करना भी शामिल है। कुल 3300 करोड़ रुपए की कुल राशि की इस परियोजना में 36000 छोटे-बडे़ वृक्ष भी काटे जा रहे हैं। एक विदेशी कंपनी के सहयोग से कैथलीघाट के नजदीक एक स्टे केबल ब्रिज भी बनाया जाएगा तथा देश के लिए यह किसी अजूबे से कम नहीं होगा। परवाणू से चंबाघाट, चंबाघाट से कैथलीघाट व कैथलीघाट से शिमला तक तीन चरणों में फोरलेन का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। प्रथम चरण के कार्य को 31 मार्च 2018 तक पूरा किया जाना था किंतु भूमि अधिग्रहण व के्रट वायर के निर्मित डंगों के  गिर जाने के कारण परवाणू से चंबाघाट फोरलेन कार्य के पूरा होने की तिथि अब 31 मार्च 2019 तक खिसक गई है। इस 62 किलोमीटर लंबे फोरलेन में अब जाबली, चंबाघाट व कैथलीघाट के समीप रेलवे ओवर ब्रिज बनेंगे। इसके साथ-साथ कुल तीन सुरंगों का निर्माण भी होगा। एक सुरंग बड़ोग के समीप बन चुकी है तथा सफलतापूर्वक सुरंग के दोनों छोर मिल गए हैं। दूसरी सुरंग कंडाघाट व कैथलीघाट के बीच एक तरफा यातायात व तीसरी इसी जगह पर शिमला से आने वाले यातायात के लिए निर्मित होगी। कंडाघाट के समीप निर्मित होने वाली 600 मीटर यह सुरंग कंडाघाट मार्किट के सैकड़ों व्यवसायियों को उजड़ने से भी बचाएगी। राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण बोर्ड के परियोजना अधिकारी एसएम स्वामी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 910 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। परियोजना पूरी होने पर इस रोड पर सफर करने वाले यात्रियों को अपनी-अपनी जेब भी ढीली करनी पड़ेगी। परवाणू से शिमला तक कुल दो टोल प्लाजा बैरियर भी बनेंगे। इनमें से पहला दतयार व दूसरा कंडाघाट-कैथलीघाट के बीच स्थापित होगा।

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