‘पुरानों’ ने जीती सबसे बड़ी जंग

By: Apr 30th, 2018 12:10 am

मंडी का महाभारत…राजेश महेंदू्र बने व्यापारियों के अध्यक्ष, प्रशांत बहल महासचिव

मंडी —प्रतिष्ठा का सवाल बन चुके व्यापार मंडल मंडी के 22 वर्षों बाद हुए चुनावों में सरदारी की जंग पुरानी कार्यकारिणी ने ही जीत ली है।  पहली बार मतदान से रविवार को हुए व्यापार मंडल के चुनावों में राजेश महेंद्रू ने बडे़ अंतर से अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की है, जबकि महासचिव पद पर प्रशांत बहल बडे़ अंतर से जीते हैं। नवनियुक्त अध्यक्ष राजेश महेंद्रू इससे पहले पूर्व कार्यकारिणी में व्यापार मंडल के महासचिव थे और इस बार वह व्यापार मंडल के प्रधान चुने गए हैं। हालांकि इस बार मंडी शहर के व्यापारी चुनावों को लेकर दो धड़ों में बंट गए थे और चुनाव को लेकर राजनीति भी पूरी तरह से हावी हो गई थी, लेकिन इसके बाद भी मंडी शहर के व्यापारियों ने अपने विवेक से मतदान करते हुए पुरानी कार्यकारिणी से संबंधित खेमे में विश्वास जताया है।  रविवार को देर शाम निकले चुनाव परिणाम में राजेश महेंद्रू को चुनाव समिति ने विजयी घोषित किया। राजेश महेंद्रू ने इंदिरा मार्केट के महासचिव रहे तिलक राज शर्मा को चौकोने मुकाबले में पराजित किया है। इस बार चुनावों के लिए 1122 मतदाताओं का पंजीकरण किया गया था, जबकि रविवार को विपाशा सदन में हुए चुनाव में 907 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिसमें से तीन वोट रद्द भी किए गए। प्रधान पद पर हुए चौकोने मुकाबले में राजेश महेंद्रू को 482,तिलक राज को 291, सुधीर कपूर को 120 और इन चुनावों का बहिष्कार कर चुके लक्ष्मेंद्र गुलेरिया को 12 वोट पड़े, उसी प्रकार महासचिव पद पर प्रशांत बहल और अशोक शर्मा के बीच मुकाबला हुआ। जिसमें प्रशांत बहल को 552 और अशोक कपूर को 352 मत मिले।

लक्ष्मेंद्र गुलेरिया को बहिष्कार के बाद भी मिले १२ वोट

व्यापार मंडल के चुनाव से एक दिन पहले चुनावों का बहिष्कार करने वाले व्यापारी लक्ष्मेंद्र गुलेरिया को भी 12 वोट मिले। दरअसल लक्ष्मेंद्र पहले अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए खड़े थे, लेकिन व्यापार मंडल पर मनमानी का आरोप लगाते हुए उन्होंने चुनाव का ही बहिष्कार कर दिया। हालांकि उनका नाम बैलेट पेपर से हट नहीं पाया। ऐसे में उन्होंने भी 12 वोट हासिल कर लिए।

वोट कैंसिल करने पर गरमाया माहौल

दोपहर करीब 12 बजे के बाद वोट डालने पहुंचे एक शख्स को तकनीकी कारणों से रोक दिया गया। इसके बाद दूसरे पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई तो माहौल गरमाने लगा, लेकिन आशंका भी तुरंत ही दूर हो गई।

विपाशा सदन मंडी में वोटरों की खूब सेवा-पानी

चुनाव के दौरान वोट डालने के लिए खूब लाइनें लगीं। ऐसे में इस दौरान बाकायदा पानी पिलाने की भी पूरी व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही चुनाव के साथ-साथ मंडियाली धाम का भी आयोजन किया गया था। वोट डालने के बाद सभी व्यापारियों ने पैंठ में बैठ कर धाम का भी लुत्फ उठाया।

हंगामापूर्ण माहौल

मंडी व्यापार मंडल के चुनाव हंगामापूर्ण माहौल में हुए। रविवार को मतदान से पहले ही इन चुनावों को लेकर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी। एक ओर जहां पुरानी कार्यकारिणी के खिलाफ इंदिरा मार्केट व्यापारी यूनियन ने मोर्चा खोल रखा था, वहीं दूसरी ओर मंडी बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र गुलेरिया बार-बार चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल उठाते रहे। वह व्यापार मंडल में रेहड़ी-फड़ी यूनियन ही नहीं बल्कि लेबर आफिस में पंजीकृत हर व्यापारी को इसका सदस्य बनाने की जिद पर अड़े थे। अपने इसी विरोध के चलते लक्ष्मेंद्र सिंह ने चुनाव से पहले ही बहिष्कार करने का ऐलान कर दिया। वहीं दूसरी ओर इंदिरा मार्केट के व्यापारी भी लामबंद होकर पुरानी कार्यकारिणी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे। इंदिरा मार्केट व्यापारी यूनियन ने ही सबसे पहले मंडी व्यापार मंडल को लेकर सवाल उठाए थे। इसके बाद ही पुराने अध्यक्ष अशोक कपूर ने बाइस साल बाद चुनावी प्रक्रिया शुरू की, जिसमें अंततः पुरानी कार्यकारिणी समर्थित धड़े की जीत हुई है।

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