बोर्ड के खर्चे की जांच से घबराए विधायक

संगड़ाह —भाजपा मंडल अध्यक्ष प्रताप तोमर, रेणुकाजी विकास बोर्ड के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपा राम शर्मा व भाजयुमो ब्लॉक अध्यक्ष विजेंद्र शर्मा आदि भाजपा नेताओं ने रेणुकाजी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रहे स्थानीय कांग्रेस विधायक के बयानों का जबाव देते हुए कहा कि दरअसल वह पिछले पांच वर्षों में विकास बोर्ड के करोड़ों रुपए के खर्च की जांच से घबराए हुए हैं।  उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक के पिछले करीब पांच वर्ष तक रेणुकाजी बोर्ड के अध्यक्ष रहने के दौरान करीब चार करोड़ का बजट उनकी ईच्छा के अनुसार खर्च हुआ है, जिसकी नवगठित बोर्ड अथवा सरकार द्वारा जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में विधायक द्वारा मंदिरों के चढ़ावे अथवा चंदे की रकम में से करीब 20 लाख खर्च कर मात्र एक सप्ताह तक लगने वाला अस्थाई पुल बनाया गया। वर्ष 2017 में मेले के दौरान उक्त पुल का पूरा निर्माण न होने तथा दो वर्षों में इस पर खर्च की गई लाखों रुपए की राशि की जांच करवाई जाएगी। भाजपाइयों ने यहां जारी संयुक्त बयान में कहा कि बोर्ड में क्षेत्र से बाहर के लोग शामिल किए जाने अथवा रेणुकाजी को उपमंडल संगड़ाह से काटकर नाहन सब-डिवीजन में शामिल किए जाने का कार्य भी कांग्रेस शासनकाल में ही हुआ है। भाजपाइयों ने विधायक के बोर्ड में बाहरी इलाकों के सदस्य रखे जाने के सवाल के जवाब में कहा कि प्रदेश में कांग्रेस शासनकाल में न केवल सदस्य बाहरी क्षेत्रों से रखे गए, बल्कि गंगूराम मुसाफिर व राधारमण शास्त्री जैसे बाहरी कांग्रेस नेता रेणुकाजी बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। भाजपा रेणुकाजी मंडल पदाधिकारियों व नए बोर्ड के सदस्यों ने बयान में कहा कि हर वर्ष बोर्ड को औसतन एक करोड़ का राजस्व प्राप्त होने के बावजूद विकास बोर्ड के कार्यालय व विश्राम गृह की सही मरम्मत न होने से यहां दीवारों से प्लास्टर झड़ने लगा है। भाजपाइयों के मुताबिक विगत पांच वर्षों में बोर्ड के द्वारा खर्च किए गए करोड़ों रुपए के बजट की अनियमितताओं की जांच होना तय है तथा तत्त्कालीन अध्यक्ष यदि पाक साफ हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है।

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