मनीषा की उखड़ती सांसों को मिलेगा जीवनदान

केलांग  – शीत मरुस्थल के नाम से विख्यात लाहुल-स्पीति में जिदंगी की जंग लड़ रही मनीषा को बचाने के लिए अब प्रशासन ने पहल की है। हवाई उड़ानों के लगातार रद्द होने के चलते मनीषा को अब रोहतांग टनल के माध्यम से प्रशासन कुल्लू अस्पताल पहुंचाएगा। मंगलवार को मनीषा के पति आनंद ने उपायुक्त लाहुल-स्पीति अश्वनी चौधरी से मुलाकात कर केलांग अस्पताल में उपचाराधीन पत्नी का पूरा मामला उनके ध्यान में लाया। आनंद ने बताया कि वे केलांग में एक चाय की दुकान चलाता है और पिछले कुछ दिनों से उसकी पत्नी केलांग अस्पताल में सांस की बीमारी के चलते उपचाराधीन है। उन्होंने बताया कि डाक्टरों ने उसे कुल्लू के लिए रैफर किया है। ऐसे में आनंद ने अपने स्तर पर दो बार रोहतांग टनल से कुल्लू पहुंचने की कोशिश की, लेकिन परमिशन न होने की वजह से बीआरओ के जवानों ने उन्हें रोहतांग टनल के छोर पर ही रोक दिया और परमिशन लाने की बात कहीं। आनंद ने दो बार अपने ही स्तर पर टनल से गुजरने का प्रयास किया, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली। लगातार बिगड़ रही उसकी पत्नी की तबीयत को देखते हुए आनंद ने मनीषा को पुनः केलांग अस्पताल में ही भर्ती करवा दिया। आनंद की पूरी आपबीती सुन उपायुक्त लाहुल-स्पीति अश्वनी चौधरी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुंरत रोहतांग टनल के उच्चाधिकारियों से बात की और विशेष परमिशन के तहत केलांग अस्पताल में उपचाराधीन नेपाली मूल की मनीषा को कुल्लू अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था करवाई। उपायुक्त लाहुल-स्पीति अश्वनी चौधरी ने बताया कि स्थानीय पंचायत के उपप्रधान दोरजे उपासक मनीषा के पति को उनके कार्यालय में लाया था। उन्होंने बताया कि केलांग अस्पताल में उपचाराधीन नेपाली मूल की मनीषा के पति ने उनसे मदद करने की अपील की थी। ऐसे में उन्होंने बीआरओ के अधिकारियों से भी उक्त मामला साझा किया और मनीषा की मदद करने को कहा। बीआरओ के अधिकारियों ने तुंरत मनीषा को रोहतांग टनल से जाने की  परमिशन दे दी। उन्होंने बताया कि केलांग अस्पताल की एंबुलेंस के माध्यम से मनीषा को कुल्लू पहुंचाया जाएगा। बहरहाल बर्फीले रेगिस्थान में जिदंगी की जंग लड़ रही मनीषा को बचाने के लिए लाहुल प्रशासन ने अपने हाथ आगे बढ़ाए हैं।