रोहतांग में बर्फ…चंबा में ओले

By: Apr 13th, 2018 12:20 am

कई जगह जमकर बरसा अंबर, 15 तक मौसम साफ

शिमला— प्रदेश में आसमान से बरसने वाले कहर का दौर जारी है। हालांकि गुरुवार को राज्य में कुछ जगह छोड़कर शेष हिमाचल में मौसम साफ बना रहा, मगर कुल्लू, जोगिंद्रनगर व चंब, कांगड़ा में मौसम ने रौद्र रूप दिखाया। चंबा में भारी ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के तहत राज्य में शुक्रवार से 15 अप्रैल तक मौसम साफ बना रहेगा, मगर 16 अप्रैल से समूचे राज्य में फिर से बारिश-ओलावृष्टि की संभावना जताई जा रही है, जबकि 18 अप्रैल को समूचे प्रदेश में मौसम रौद्र रूप दिखाएगा। रोहतांग व धौलाधार पर्वत शृंखलाओं पर गुरुवार को फिर ताजा बर्फबारी हुई है। राज्य के चंबा में भारी ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि से चंबा में शहर के साथ लगती पंचायतों में गेहूं सहित अन्य नकदी फसलों को 70 फीसदी तक नुकसान की सूचना है। ओलावृष्टि से सेब व स्टोन फू्रट की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। चंबा के खजियार व काला टॉप में तीन से चार इंच तक अेलावृष्टि आंकी गई। जोगिंद्रनगर में भी बारिश के साथ ओलावृष्टि रिकार्ड की गई। कुल्लू में मूसलाधार बारिश के साथ-साथ कांगड़ा, धर्मशाला में भी हल्की बूंदाबांदी रिकार्ड की गई। अधिकतम तापमान में पहले के मुकाबले एक आठ डिग्री की बढ़ोतरी आई है। भुंतर में आठ, सोलन, कल्पा में सात और सुंदरनगर में छह डिग्री तक तापमान चढ़ा है, जबकि न्यूनतम तापमान में कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नहीं आया है। मौसम विभाग के निदेशक डा. मनमोहन सिंह ने खबर की पुष्टि की है।

किसानों की मेहनत पानी में

शिमला — प्रदेश में मौसम का रौद्र रूप किसानों-बागबानों पर भारी पड़ता जा रहा है। राज्य में कई जगह तूफान, मूसलाधार बारिश और ओलावृष्टि में गेहूं, जौ, सेब, स्टोन फ्रूट सहित अन्य नकदी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसके चलते किसानों-बागबानों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। मौसम विभाग की मानें तो प्रदेश में बारिश-ओलावृष्टि किसानों व बागबानों का जल्द पीछा नहीं छोड़ेगी। जिला शिमला के कई स्थानों सहित मंडी के सिराज, कुल्लू, चंबा में कई जगह बारिश-ओलावृष्टि से सेब सहित स्टोन फ्रूट को भारी नुकसान पहुंचा है। बारिश-ओलावृष्टि से कई जगह सेब व स्टोन फ्रूट के पौधों से फूलों के साथ-साथ पत्तियां भी झड़ गई हैं। गुरुवार को चंबा में भारी ओलावृष्टि हुई, जिससे चंबा में शहर के साथ लगती आधा दर्जन पंचायतों में गेहूं, जौ सहित अन्य नकदी फसलें 70 फीसदी तक बर्बाद हो गई। ओलावृष्टि से जिला शिमला में फसलों के सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। जिला के ठियोग, कोटखाई रोहडू कई पंचायतों में सेब व स्टोन फ्रूट की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।

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