लाहुल-स्पीति के ठोलंग गांव में हर घर से बड़ा अफसर

By: Apr 23rd, 2018 12:20 am

सुविधाएं कम होने के बाद भी आईएएस, एचएएस, डाक्टर-इंजीनियर, देश भर में चमका रहे शीत मरुस्थल का नाम

केलांग – बर्फीले रेगिस्तान में एक गांव ऐसा भी है, जहां तकरीबन हर घर से एक क्लास-वन अफसर हैं। इस गांव में एक-दूसरे की जमीन को लेकर विवाद नहीं, बल्कि युवाओं में देश सेवा के लिए ऐसा भाव है कि आज इस गांव से 100 से ज्यादा व्यक्ति देश के विभिन्न विभागों व सरकार के उच्च पदों पर आसीन हैं। इसी का नतीजा है कि लाहुल के ठोलंग गांव को अफसरों की खान भी कहा जाता है। गांव के कुछ युवा तो ऐसे हैं, जो विदेशों में अच्छा कारोबार कर लाहुल का नाम रोशन कर रहे हैं। गांव का शायद ही ऐसा कोई घर होगा, जहां से कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी पर न हो। गांव से आईएएस, आईपीएस, एचएएस, एमबीबीएस, इंजीनियर बनने वालों की सूची भी साल दर साल बढ़ती जा रही है। शीत मरुस्थल के इस गांव के हर घर से औसतन तीन व्यक्ति सरकारी क्षेत्र में उच्च पदों पर आसीन होकर देश की सेवा कर रहे हैं। साल के छह माह बर्फ  से ढके रहने के बाद भी लोगों का देश के लिए जज्बा एक मिसाल है। हालांकि ठोलंग गांव बाकी राज्यों जैसा विकसित तो नहीं है, लेकिन आज भी यह गांव हिमाचल में अफसरों की खान के नाम से मशहूर है। ठोलंग गांव में करीब 35 घर हैं और इसकी जनसंख्या 420 है। गांव में साक्षरता दर भी 100 फीसदी है और अब तक यह गांव देश व प्रदेश को 100 गजेटिड अफसर दे चुका है। ठोलंग देश को अब तक तीन आईएएसए, तीन आईपीएस और तीन एचएएस अधिकारी दे चुका है। ठोलंग गांव से तीन आईएएस अफसर मिले हैं, जिनमें सेवानिवृत्त चीफ सेक्रेटरी एएन विद्यार्थी, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर राज्य से एसएस कपूर व शेखर विद्यार्थी शामिल हैं। आईपीएस में राम सिंह, नाजिन विद्यार्थी, नोरबू राम, एचएएस में रघुवीर सिंह वर्मा, रामलाल ठाकुर, एसपी ठाकुर शामिल हैं। लाहुल-स्पीति को पहला आईएएस, पुरुष डाक्टर, महिला डाक्टर, इंजीनियर, एयर फोर्स अधिकारी भी इसी गांव ने दिए हैं। इसी गांव से 23 डाक्टर, 21 इंजीनियर तथा 19 उच्च शिक्षा अधिकारी भी अलग-अलग जगहों पर देश की सेवा कर रहे हैं।

विदेशों में भी कारोबार, गांववासियों को नाज

ठोलंग गांव के लोग मैनेजमेंट, एमबीए क्षेत्र में 12 और बैंक व बीमा क्षेत्र में पांच, कृषि क्षेत्र में दो, एक डीपीआरओ, एक कानूनगो के साथ-साथ दो व्यक्ति साउथ अफ्रीका और आस्ट्रेलिया में कारोबार कर रहे हैं। ठोलंग गांव के डा. पीडी लाल, डीपीआरओ राम देव, शाम का कहना है कि उन्हें अपने गांव पर नाज है।

युवाओं के लिए आईएएस ने बनाई लाइब्रेरी

स्थानीय ग्रामीण सुरेश कुमार ने बताया कि ठोलंग गांव में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए आईएएस अधिकारी एसएस कपूर ने अपनी मां के नाम से एक लाईब्रेरी बनाई है। लाइब्रेरी में कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किताबें रखी गई हैं। इसके अलावा गांव के अन्य लोग जो कि सरकारी और गैर सरकारी क्षेत्र में अच्छा नाम कमा चुके हैं, उन्होंने ने भी लाइब्रेरी में अनेक पुस्तकें दी हैं।

अपने सपनों के जीवनसंगी को ढूँढिये भारत  मैट्रिमोनी पर – निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन!


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App