शास्त्री-एलटी को टीजीटी पदनाम

By: Apr 2nd, 2018 12:20 am

शिक्षा विभाग ने शुरू की प्रक्रिया, सभी जिलों से मांगा ब्यौरा

मंडी— शिक्षा विभाग ने प्रदेश में शास्त्री व भाषा अध्यापकों को टीजीटी पदनाम देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके चलते विभाग ने समस्त जिलों से शास्त्री व भाषा अध्यापकों का डाटा मांगा है, ताकि नियमों के अनुसार इन शिक्षकों को जल्द पदनाम दिया जा सके। वहीं, राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ ने भी शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार से शीघ्र शास्त्री व भाषा अध्यापकों को टीजीटी पदनाम देने की मांग की है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष चमन लाल शर्मा ने कहा कि पिछले महीने संघ की शिक्षा निदेशक मनमोहन शर्मा के साथ बैठक हुई थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि शास्त्री व भाषा अध्यापकों के टीजीटी पदनाम हेतु प्रोपोजल शिक्षा निदेशालय से शिक्षा सचिव को भेजी गई थी तथा उसके पश्चात निदेशालय से सभी शिक्षा उपनिदेशकों को आदेश दिए हैं कि वे शीघ्र अपने जिले का डाटा भेजें कि कितने शास्त्री व भाषा अध्यापक बीए-बीएड हैं। सभी जिलों से डाटा आने के पश्चात शास्त्री व भाषा अध्यापकों को टीजीटी पदनाम दे दिया जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष चमन लाल शर्मा ने कहा कि पिछली सरकार ने शिक्षा का अधिकार कानून को प्रदेश में सही ढंग से लागू नहीं किया,  जिसका खामियाजा आज शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है तथा उन्हें डीएलएड करने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि  शास्त्री व अध्यापकों के लिए शिक्षा का अधिकार कानून में केवल बीएड का प्रावधान है। बता दें कि प्रदेश में स्कूलों में करीब 4908 शास्त्री और 2959 भाषा अध्यापक कार्यरत हैं।  इन वर्गों के कर्मचारियों को टीजीटी पदनाम नहीं मिला पाया है। वहीं, राजकीय सी एंड वी अध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार से शीघ्र शास्त्री व भाषा अध्यापकों को जल्द टीजीटी पदनाम के लिए आवाज बुलंद की है।


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