शूटिंग रेंज होती तो अपने हिमाचल से खेलती अंजुम

By: Apr 14th, 2018 12:25 am

कभी हरियाणा तो कभी पंजाब से खेली ऊना की बिटिया

ऊना— कामनवैल्थ गेम्स-2018 में रजत पदक जीतकर ऊना के धुसाड़ा गांव की अंजुम मोदगिल की उपलब्धि से हिमाचल क्या पूरा भारत प्रफुल्लित है। अंजुम ने विपरीत परिस्थितियों में अपने आत्मविश्वास व सच्ची लग्न के बल पर यह कामयाबी हासिल की है। अंजुम के पैतृक राज्य हिमाचल में शूटिंग रेंज न होना, उसके हिमाचल से प्रतिनिधित्व न करने का एक बड़ा कारण रहा है। इसी के चलते अंजुम कभी हरियाणा तो कभी चंडीगढ़ की तरफ से खेलती रहीं। पिछले वर्ष ही पंजाब सरकार ने शूटिंग के क्षेत्र में अंजुम के बढ़ते कदमों को भांपते हुए उसे पंजाब पुलिस में उपनिरीक्षक की नौकरी की ऑफर दी तो अंजुम ने भी उसे सहर्ष स्वीकार कर लिया। राष्ट्रीय स्पर्धाओं में पिछले वर्ष से पंजाब राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाली अंजुम को कामनवैल्थ, एशियन व ओलंपिक खेलों जैसे बड़ी प्रतिस्पर्धाओं की तैयारी के लिए आवश्यक प्रशिक्षण हेतु उत्तर भारत में उपयुक्त जगह नही मिल पा रही थी। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ में भी चंडीगढ़ पुलिस की शूटिंग रेंज इंटरनेशनल मुकाबलों की तैयारी के लिए नाकाफी थी। अंजुम को नेशनल रायफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सहयोग से दिल्ली, पुणे, मुंबई व बंगलूर की शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस करने का अवसर मिला, वहीं वित्तीय संसाधनों की समस्या से निपटने में अंजुम को ‘गो स्पोर्ट्स फाउंडेशन’ का सहयोग मिला। अंजुम को ‘गो स्पोर्ट्स फाउंडेशन’ ने राहुल द्रविड़ एथलीट मेंटरशिप प्रोग्राम 2017-18  के तहत मदद मुहैया करवाई जा रही है।

अब तक सौ से ज्यादा मेडल झोली में

2008 में नौवीं कक्षा की छात्रा के रूप में एनसीसी से शूटिंग का सफर शुरू करने वाली अंजुम ने बीते नौ सालों में 18 से अधिक अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं व दर्जनों राष्ट्रीय व जोनल स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेते हुए एक दर्जन से अधिक अंतरराष्ट्रीय मेडल सहित 100 से अधिक मेडल जीते हैं।

पिता वकील, मां रही हैं जिम्नास्ट

चंडीगढ़ में पली-बढ़ी अंजुम का जन्म पांच जनवरी, 1994 को शुभ मोदगिल व सुदर्शन मोदगिल के घर हुआ। अंजुम के पिता पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट में अधिवक्ता हैं, जबकि माता शुभ मोदगिल राष्ट्रीय स्तर की जिम्नास्ट  रह चुकी हैं। अंजुम के दादा कैप्टन रामेश्वर नाथ मोदगिल सेशन जज के पद से रिटायर्ड हुए हैं।

जर्मनी में मिला था पहला ब्रेक

अंजुम मोदगिल ने जमा दो तक की शिक्षा सेके्रड हार्ट स्कूल चंडीगढ़ से की। डीएवी कालेज चंडीगढ़ से बीए और बाद में एमए साइकोलॉजी की डिग्री हासिल की। वर्ष 2011 में अंजुम को जर्मनी में संपन्न जूनियर कप से अहम ब्रेक मिला, जिसके बाद वह लगातार आगे बढ़ती रहीं।

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