नन्हे को भी जरूरत है सम्मान की
अंग्रेजी के प्रसिद्ध लेखक विलियम हेजलिट लिखते हैं कि संसार में बच्चे की प्रथम औपचारिक पाठशाला स्कूल ही है, लेकिन इसके पहले वह घर में रहता है अतः बच्चे में अच्छे संस्कार एवं आदर्श स्थापित करने का उत्तरदायित्व सबसे पहले माता-पिता का होता है। इसलिए दूसरों के बच्चे से अपने बच्चे की तुलना करना और ताने मारना जैसी हरकतें न करें, यदि छोटा बच्चा घर का छोटा सा काम भी करे तो आप कहें थैंक्यू बेटा- इतना कहने भर से ही बच्चा अपने आप को महत्त्वपूर्ण समझने लगेगा।
टीनऐजर भी चाहें सम्मान
मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि आज की जागरूक युवा पीढ़ी को समझना भी एक कला है, जो माता-पिता इस कला को सीख जाते हैं, उनके बच्चे हर क्षेत्र में सफल होते हैं।
महिलाओं को भी प्रिय है सम्मान
चाहे वह मां हो, पत्नी हो, गृहिणी हो या कामकाजी महिला सम्मान की हकदार सभी स्त्रियां हैं। एक छोटा बच्चा भी जब मां का सम्मान करता है तो मां को फख्र होता है।
पुरुषों को भी चाहिए सम्मान
साइकोलॉजिस्ट विलियम जेम्स कहते हैं कि पुरुष भी चाहते हैं कि बोस उनके अच्छे काम का सम्मान करें। ऐसा होता है तो काम करने की उमंग बढ़ जाती है, सम्मान करने के लिए बड़े-बड़े अवार्ड्स की जरूरत नहीं होती। बातों से भी सम्मान जताया जा सकता है।
दोस्तों में भी सम्मान की भावना
दोस्तों में भी सम्मान की भावना हो तो दोस्ती ताउम्र टिकी रहती है। पुरुषों को चाहत होती है कि पत्नी भी उन की सही बातों का सम्मान करे। कई बार छोटी-छोटी बातों का भी सम्मान करने से आप का वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।
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