समर सीजन…मनाली में फीकी शुरुआत

कुल्लू –अपनी खूबसूरती के लिए पहचाने जाने वाले मनाली में समर सीजन में इस बार सैलानियों की संख्या कुछ खास नहीं दिखी है। मनाली के मालरोड़  पर जुटने वाली समर सीजन में इस बार भीड़ काफी कम है। पर्यटन कारेबार से जुड़े  नुमायंदे इसे घाटी की खस्ताहाल सड़को से जोड़ कर देख रहे हैं। मनाली की सड़कों की हालत इतनी खराब है कि एक घंटे के सफर को दो से अढ़ाई घंटे तक लग रहे हैं। सैलानी कुछ कह रहे हैं कि जब प्रशासन सड़कों की उचित व्यवस्था नहीं कर सकता तो समर सीजन को शुरू ही नहीं करवाना चाहिए था। हालांकि फोरलेन के काम के चलते निर्माण करने वाली कंपनियों पर भी प्रशासन ने काम जल्द पूरा करने का दवाब बना रखा है। लेकिन सैलानियों को हो रही दिक्कतें समर सीजन पर असर डाल रही हैं। कभी सैलानियों से खचाखच भरे मालरोड़ को आज खाली देखा जा सकता है। मंगलवार को भी मालरोड़ की कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आई है। यहां सैलानियों की भिड़ कम स्थानीय लोग ज्यादा दिखाई दिए। स्थानीय लोग भी घाटी की सड़कों की दशा से इस कदर परेशान है कि वह भी प्रशासन से इस समसस्या का समाधान मांग रहे हैं। मनाली घूमने आने वाले सैलानियों में मध्यप्रदेश के योगेश खुराना,नीतिका ने बताया कि वह पांच दिन से मनाली में हैं। उन्होंंन बताया कि रोहतांग को देखने के लिए वे विशेष तौर पर मनाली आए थे, लेकिन उन्हें गुलाबा से आग ने नहीं जाने दिया गया। उन्होंने बताया कि सड़कों की हालत को देखते हुए वह दूसरी बार तो शायद ही कुल्लू-मनाली का रूख करें। उन्होंने कहा कि मनाली सैलानी आते क्यों है, सिर्फ बर्फ देखने की दिल में चाह लिए ही आते हैं, लेकिन इस बार तो गुलाबा से आगे ही सैलानियों को जाने नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि मनाली पहुंचना ही आज के समय में सबसे बड़ा चैलेंज सैलानियों के लिए बना हुआ है। कुल्लू से मनाली तक के रास्ते को देखें तो एक घंटे के सफर को दो घंटे लग रहे हैं। उन्होंने बताया कि खस्ताहाल सड़कों पर लगने वाला ट्रैफिक जाम सैलानियों के लिए किसी बड़ी पेरशानी से कम नहीं है। उन्होंने बताया कि इसी बजह से मनाली में भी ज्यादा दिन सैलानी रूक नहीं रहे हैं।

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