समसामयिकी

By: Apr 4th, 2018 12:10 am

सीबीएसई पेपर लीक

सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के पेपर लीक का क्रमवार ब्यौरा इस प्रकार से है।

* 23 मार्च को सीबीएसई को एक अज्ञात नंबर से फैक्स मिला, जिसमें लिखा था कि एक कोचिंग सेंटर और 2 स्कूल के सीबीएसई एग्जाम के पेपर लीक किए हैं।

* 24 मार्च को सीबीएससी ने यह फैक्स अपने दिल्ली के रीजनल आफिस को भेजा। रीजनल आफिस ने उसी दिन दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के एक इंस्पेक्टर को इस बारे में व्हाट्सऐप पर शिकायत दी। 25 मार्च को पुलिस ने कुछ नही किया और न ही सीबीएसई हरकत में आई।

* 26 मार्च को सीबीएससी के राउज ऐवेन्यू में प्रशासनिक विभाग को एक पैकेट मिला, जिसमें इकोनॉमिक्स के पेपर के उत्तर थे और 4 मोबाइल नंबर लिखे थे। जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने विद्या कोचिंग सेंटर के मालिक विक्की को पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन कोई ठोस सबूत न होने से उसे छोड़ दिया गया।

* 27 मार्च को जबकि ये साफ  हो चुका था कि 12वीं क्लास का इकॉनोमिक्स का पेपर लीक हो चुका है, उसके बावजूद एग्जाम ड्रॉप नहीं किया गया। इसके बाद 27 मार्च को ही क्राइम ब्रांच ने शाम के वक्त पेपर लीक होने की रिपोर्ट दर्ज की।

* 28 मार्च की सुबह सोशल मीडिया पर 10वीं क्लास का गणित का पेपर लीक हुआ। सीबीएसई ने एग्जाम के 90 मिनट बाद दूसरी शिकायत दिल्ली पुलिस को दी, जिसके बाद उस पर भी रिपोर्ट दर्ज की गई।

* 29 मार्च को विक्की को फिर पूछताछ के लिए बुलाया। उसने दावा किया कि उसे भी यह प्रश्नपत्र व्हाट्सऐप पर मिला और कुछ लोगों पर उन्हें फंसाने का आरोप लगाया। क्राइम ब्रांच 12वीं क्लास के इकॉनोमिक्स के पेपर लीक को लेकर अब तक करीब 25 लोगों से पूछताछ कर चुकी है।

* क्राइम ब्रांच के मुताबिक, इनमें 11 स्कूल के स्टूडेंट्स हैं, जिन्हें व्हाट्सऐप पर पेपर मिले। 7 फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हैं, 5 ट्यूटर्स और 2 अन्य हैं।

* दसवीं क्लास के गणित के पेपर लीक केस में क्राइम ब्रांच अभी तक 24 छात्रों की पहचान कर चुकी है, जिनको व्हाट्सऐप पर पेपर मिले थे। ये पेपर परीक्षा से एक शाम पहले लीक हो चुका था।


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