सरकार के रिकवरी आदेश रोके

By: Apr 20th, 2018 12:20 am

न्याय के लिए हाई कोर्ट पहुंचे उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन

शिमला— उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति (सेनि) पीएस राणा न्याय के लिए हाई कोर्ट की शरण पहुंचे हैं। राज्य सरकार ने उनके खिलाफ 1,98,300 रुपए की रिकवरी का आदेश दिया है। प्रार्थी पीएस राणा द्वारा दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के पश्चात कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल और न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा जारी रिकवरी आदेशों पर रोक लगा दी है। खंडपीठ ने राज्य सरकार और अनुसूचित जाति एवं जनजातीय आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। न्यायमूर्ति (सेनि) पीएस राणा ने याचिका में आरोप लगाया  है कि राज्य सरकार द्वारा जारी आदेश गैरकानूनी हैं, इसलिए इसे रद्द किया जाए। प्रार्थी ने दलील दी है कि राज्य सरकार द्वारा रिकवरी आदेश पारित करने से पूर्व प्रार्थी को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया। याचिका में दिए तथ्यों के अनुसार केंद्र सरकार ने 27 जनवरी, 2018 को सेवानिवृत्त न्यायाधीशों व्यय-विषयक भत्ता 12000 रुपए से बढ़ाकर 27000 रुपए कर दिया था। फिर 24 फरवरी, 2018 को  अनुसूचित जाति एवं जनजातीय आयोग ने न्यायमूर्ति (सेनि) पीएस राणा के पक्ष में उक्त राशि अदा करने के आदेश दिए। इसके बाद 10 अप्रैल, 2018 को  अनुसूचित जाति एवं जनजातीय आयोग ने प्रार्थी को जारी 1,98,300 रुपए की रिकवरी के आदेश दिए गए। आदेशों के अनुसार न्यायमूति पीएस राणा को जब अनुसूचित जाति एवं जनजातीय आयोग के चेयरमैन का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया था तो उस समय अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर अपने ही स्तर पर अपने ही पक्ष में उक्त राशि को जारी करने के आदेश पारित किए थे। उसके बाद राज्य सरकार ने प्रार्थी को इस पद से हटा दिया था।

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