हारे हुए भी बना दिए पार्षद

नेरचौक – चुनाव हारने के बाद भी नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत में मनोनित किए गए पार्षदों के नाम अब वापस लेने की तैयारी शुरू हो गई है। इस संबंध में शहरी विकास विभाग के डायरेक्टर द्वारा सभी शहरी और स्थानीय निकायों के कार्यकारी अधिकारियों और पंचायत सचिवों को चिट्ठी जारी कर दी गई है। यहां यह बता दें कि हाल ही में सरकार द्वारा नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत में सदस्यों का चयन मनोनय के आधार पर किया गया था। इसमें कुछ ऐसे भी सदस्य मनोनीत किए गए थे, जो कि शहरी और स्थानीय निकायों के चुनाव हारने के बाद भी मनोनीत हुए थे। इस संबंध में कुछ जगहों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद गुरुवार को शिहरी विकास निदेशक की ओर से बाकायदा चिट्ठी जारी कर दी गई है। चिट्ठी में बाकायदा हिमाचल प्रदेश म्युनिसिपल एक्ट-1994 सेक्शन 10 (4) का का हवाला देते हुए कि ऐसे नामों को वापस लिया जाए, जो चुनाव लड़ने के बाद हार गए और अब उन्हें मनोनीत सदस्य बना दिया गया। खास बात यह है कि बिना नियमों के जानकारी के ऐसे सदस्यों के नाम सरकार के पास किसने पहुंचा दिए कि जिन्हें अब वापस लेना पड़ रहा है। इससे मनोनयन के नाम पर अपना नंबर लगवाने वालों की भी खूब किरकिरी हो रही है। बताया जा रहा है कि इस संबंध में कुछ जगह बाकायदा शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इसके बाद सरकार का विभाग भी एक्शन में आ गया है। गौरतलब हो कि सात अप्रैल को ही सरकार द्वारा 39 नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत में मनोनयन के आधार पर पार्षद नियुक्त किए गए थे।

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