हिमाचल का नया विद्युत टैरिफ तैयार, सीएम से चर्चा का इंतजार

By: Apr 30th, 2018 12:15 am

शिमला – प्रदेश के लोग बिजली के झटके के लिए तैयार रहें, क्योंकि इस साल का नया बिजली टैरिफ तैयार हो गया है। सूत्रों के अनुसार इस पर अब केवल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से चर्चा होना बाकी है, जिनसे पहले यहां ऊर्जा सचिव से नियामक आयोग के अध्यक्ष की बातचीत हो चुकी है। मुख्यमंत्री से इस मुद्दे पर चर्चा इसलिए जरूरी है, क्योंकि सरकार अभी कई तरह के मसलों में फंसी हुई है। जयराम सरकार के पहले ही साल में यदि बिजली महंगी होती है तो इसका राजनीतिक रूप से गलत संदेश जाएगा। इतना ही नहीं, सबसे अधिक चिंता सरकार को घरेलू उपभोक्ताओं की नहीं है, क्योंकि उनके लिए पहले ही सबसिडी घोषित कर दी गई है, लेकिन उद्योगपतियों के लिए यदि बिजली महंगी होती है तो परेशानी बढ़ सकती है। हिमाचल के विपरीत पंजाब व हरियाणा ने बिजली क्षेत्र में कुछ रियायतें देकर उद्योगपतियों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश की है। इस पर यदि हिमाचल में उद्योगों के लिए बिजली महंगी हो जाती है तो यहां से उद्योगपति रूठ जाएंगे और निवेश में दिक्कत पेश आएगी। यह जोखिम राज्य सरकार फिलहाल नहीं उठा सकती। कुछ ऐसे ही मसलों पर मुख्यमंत्री नियामक आयोग से चर्चा करना चाहते हैं। सूत्रों के अनुसार विद्युत टैरिफ तैयार हो चुका है और मुख्यमंत्री के शिमला लौटने पर उनसे इस विषय पर विस्तृत चर्चा की जाएगी। नियामक आयोग टैरिफ के माध्यम से बिजली क्षेत्र को रेगुलेट करता है, साथ ही बिजली बोर्ड को राहत देने के लिए ही ये टैरिफ दिया जाता है, जो कि संवैधानिक व्यवस्था है।

बिजली बोर्ड ने मांगी 1462 करोड़ राहत

बिजली बोर्ड ने इस साल के टैरिफ में नियामक आयोग से 1462 करोड़ रुपए के करीब की राहत मांगी है। उसके द्वारा दिए गए प्रपोजल में दर्शाया गया है कि कर्मचारियों के लिए नया वेतनमान आएगा, लिहाजा उसके लिए ही 800 करोड़ से अधिक की राशि उसे चाहिए। हालांकि अभी तक नए वेतनमान पर पंजाब की रिपोर्ट नहीं आई है। बावजूद इसके यहां बिजली बोर्ड ने नए टैरिफ में इसे इंगित किया है। अब आयोग इसे मानता है या नहीं ये टैरिफ में पता चलेगा।

जनता को 475 करोड़ सबसिडी

घरेलू उपभोक्ताओं को यदि सरकार सबसिडी न दे तो उनको बिजली का रेट अढ़ाई रुपए प्रति यूनिट से भी अधिक का लगेगा। राज्य सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए भी 475 करोड़ की सबसिडी घोषित कर दी है। इससे राहत तो मिलेगी, लेकिन टैरिफ में बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है। पिछले साल भी आयोग ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए दरें नहीं बढ़ाई थी, जबकि इस साल ये दरें बढ़नी भी उसके मुताबिक जरूरी हैं।

सर्विस चार्ज पर होगी चर्चा

उद्योगपति बिजली बोर्ड द्वारा प्रस्तावित सर्विस चार्ज को बढ़ाना नहीं चाहते। बोर्ड ने इसमें बढ़ोतरी का प्रस्ताव आयोग को दिया है, लेकिन उद्योगपतियों का कहना है कि दूसरे राज्यों में सर्विस चार्ज कम है। यह मामला सीएम से भी उठाया गया है, जिस पर भी चर्चा होगी।

सरकार ने सुलझाए उद्योगपतियों के मसले

आयोग के समक्ष बिजली बोर्ड के प्रोपोजल को लेकर औद्योगिक संस्थाओं ने भी कुछ मुद्दे उठाए थे, जिनका निराकरण हो चुका है। प्रदेश में अब नई दरें लागू होनी हैं, अब इंतजार केवल सीएम से चर्चा का है, जिसमें आयोग स्थिति बताएगा, वहीं सरकार भी कुछ अहम मुद्दे उसके सामने रखेगी।

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