हिमाचल से विश्व बैंक की टीम नाखुश

By: Apr 22nd, 2018 12:20 am

मार्केटिंग बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल,126 करोड़ का नहीं हुआ सही इस्तेमाल

शिमला— हिमाचल प्रदेश में बागबानी विकास के लिए चलाए जा रहे हॉर्टिकल्चर डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट में चल रही गतिविधियों को लेकर विश्व बैंक खुश नहीं है। पिछले कल ही इस प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिव्यू करने के बाद विश्व बैंक की टीम शनिवार को वापस लौटी है जिसने विशेषकर मार्केटिंग बोर्ड की कारगुजारियों को लेकर कुछ सवाल उठा दिए हैं। इस पर सरकार को भी कहा है कि कमियों में सुधार करवाया जाए। सूत्रों के अनुसार विश्व बैंक ने हॉर्टिकल्चर डिवेलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत दी गई धनराशि में से 126 करोड़ रुपए मार्केटिंग बोर्ड को भी दे रखा है ताकि यहां उत्पादित फसल को बेहतर मार्केटिंग सुविधा मिल सके। परंतु इससे जुड़ा बोर्ड कागजी कार्रवाई अधिक करता रहा और धरातल पर उसका काम नजर नहीं आया। दो नई प्रस्तावित फल एवं सब्जी मंडियों को लेकर विश्व बैंक ने अपने सवाल उठाए हैं।  सूत्रों के अनुसार  विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित बागबानी विकास प्रोजेक्ट के तहत मार्केटिंग बोर्ड मंडियों के निर्माण व अपग्रेडेशन कार्यों में तेजी नहीं ला पाया है, जबकि विशेष रूप से इसके लिए पैसा दिया गया है। विश्व बैंक की टीम ने मुख्य सचिव के साथ रिव्यू में अब तक हुए कायों का खुलासा करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है जिससे बोर्ड के अधिकारी भी अब सकते में आ गए हैं। प्रदेश में 1134 करोड़ रुपए के बागबानी विकास प्रोजेक्ट से दी गई  126 करोड़ की राशि से बोर्ड द्वारा रोहड़ू के मेंहदली और कुल्लू के बदरोल में प्री-फैब तकनीक से नई मंडी का निर्माण किया जाना था वहीं प्रदेश की अन्य मंडियों को अपग्रेड किया जाना था लेकिन ये दोनों ही काम नहीं हो पाए हैं।  इस प्रोजेक्ट को शुरू हुए करीब डेढ़ साल बीत गए हैं। व्यवस्था को देखने के बाद विश्व बैंक ने मुख्य सचिव को कहा है कि वह  संबंधित बोर्ड को निर्देश दें और जल्द से जल्द काम पूरे करने को कहें अन्यथा प्रोजेक्ट पर भी संकट खड़ा हो सकता है।

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