125 करोड़ का ऋण माफ  करेगी सरकार

पंजाब के अनुसूचित व पिछडी़ श्रेणियां भलाई मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने प्रेस वार्ता में दी जानकारी

 चंडीगढ़— पंजाब के अनुसूचित व पिछड़ी श्रेणियां भलाई मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कहा की पंजाब सरकार ने अनुसूचित जातियों व पिछड़ी श्रेणियों के कर्जदारों को कर्ज के जंजाल से निकालने का फैसला किया है। इसके अंतर्गत अनुसूचित जातियों के 14260 व पिछड़ी श्रेणियों के 1630 कर्जदारों का 50.50 हजार रुपए तक का कर्ज माफ  किया गया है जो लगभग 52 करोड़ रुपए बनता है।  उन्होंने मीडिया कर्मियों से बातचीत  के दौरान बताया की जिन एससीबीसी कर्जदारों ने पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास व वित्त कार्पोरेशन व पंजाब पिछड़ी श्रेणियां भूमि विकास व वित्त कार्पोरेशन से कर्ज लिया उनका 50-50 हजार रुपए तक का ऋण माफ  हो जाएगा। उन्होंने बताया की एससीबीसी कार्पोरेशन की ओर से यह ऋण दुकान, जनरल स्टोर, रिपेयर, डाक्यूमेंट सेंटर, लक्कड़ के काम आदि आय बढ़ाने वाले धंधे करने के लिए दिए जाते हैं। सरकार गरीबों का कुल 125 करोड़ रुपए का ऋण माफ  करेगी। जिसकी शुरुआत 52 करोड़ के कर्ज माफी के सर्टिफिकेट बांट कर की जाएगी। उन्होंने बताया की यह सर्टिफिकेट 14 अप्रैल को जालंधर में हो रहे डा. अंबेदकर जयंती समारोह के दौरान मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से वितरित किए जाएंगे। उन्होंने बताया की पीएससीएफ सी  वर्ष 1971 में जबकि बैकफि को वर्ष 1976 में अस्तित्व में आई थी। उन्होंने बताया की इन दोनों कार्पोरेशनों की ओर से दिए कर्ज को न लौटाने वाले 90 प्रतिशत व लौटानें वाले 10 प्रतिशत हैं, जिस कारण प्रदेश सरकार ने इन वर्गों के कर्ज  माफ  करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि किसानों की कर्जा राहत का वायदा पूरा करने के लिए मुख्य मंत्री तनदेही से यत्न कर रहे हैं। इसके अंतर्गत संगरुर में हो रहे समागम दौरान किसानों को कर्जा राहत के सर्टिफि केट बांटे जाएंगे। बारिश से फ सलों के हुए खराबी के सवाल पर उन्होंने कहा की किसानों का हाथ थामना हर सरकार की जिम्मेदारी बनती है व पंजाब सरकार पूरी तनदेही से अपनी इस जिम्मेदारी को निभाएगी।

कालेज छात्रवृत्ति को 115 करोड़ जारी

कालेजों में छात्रवृत्तियों की राशि न बांटने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से आए 115 करोड़ रुपए कालेजों को जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया की एससीबीसी स्कालरशिप स्कीम पूरी तरह से भारत सरकार की ओर से चलाई जाती है, इसकी 1700 करोड़ रुपए की राशि अभी भी केंद्र की तरफ  बकाया है व जब भी यह राशि आ गई तो तुरंत जारी कर दी जाएगी। इस राशि के उपयोगिता सर्टिफिकेट देने में देरी के बाबत उन्होंने कहा की आडिट चलने के कारण राशि जारी करने में देरी हो गई जो कालेज आडिट में सही पाए गए, उनको पूरी राशि जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया की यदि केंद्र सरकार की ओर से छात्रवृतियों की बकाया राशि देने में देरी की गई तो वह केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय के आगे एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठेंगे।

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