20 करोड़ के घाटे में बिके ठेके

आबकारी विभाग ने टेके घुटने, पांच जिलों में पूरा नहीं हुआ टारगेट

मंडी – नई आबकारी नीति के तहत इस बार ठेकों से ज्यादा राजस्व जुटाने की कवायद अधूरी रह गई है। तीन दिन शिमला में देर रात ठेकों के लिए चली जबरदस्त नेगोसिएशन में विभाग ने ठेकेदारों के आगे घुटने टेक दिए हैं। हालांकि पिछले साल के मुकाबले आबकारी एवं कराधान विभाग की आमद में इजाफा हुआ है, लेकिन विभाग पांच जिलों के ठेकों की टोटल वैल्यू वसूल नहीं कर सका है। कड़ी मशक्कत के बाद भी जब कुछ ठेके नहीं बिके, तो विभाग को भी तय कीमत से कम में ठेकों का आबंटन करना पड़ा। पांच जिलों में आबकारी एवं कराधान विभाग ने ठेकों की वैल्यू करीब 366.96 करोड़ तय की थी, जिसमें से रिटेल एक्साइज ड्यूटी के तौर पर विभाग 347.03 करोड़ ही वसूल कर पाया। ऐसे में विभाग को तय लक्ष्य से करीब 19.93 करोड़ रुपए कम राजस्व प्राप्त हुआ है, जो करीब 5.43 फीसदी है। मंडी, कुल्लू, लाहुल-स्पीति, हमीरपुर और बिलासपुर जिला के ठेकों में से मात्र लाहुल-स्पीति इकलौता ऐसा जिला है, जहां के ठेके तय लक्ष्य कुछ महंगे बिके। विभाग को तय लक्ष्य से सबसे कम राजस्व मंडी जिला से ही प्राप्त हुआ है। जिला की 83 यूनिट के 313 में करीब 35 यूनिट का आबंटन शिमला में ही हुआ है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठेकों के आबंटन के लिए शिमला में कितनी माथापच्ची करनी पड़ी होगी। मंडी के ठकों में टारगेट  10.96 फीसदी रहा है। हालांकि सरकार ने एमआरपी तय कर पियक्कड़ों को राहत जरूर प्रदान की है। आबकारी एवं कराधान विभाग, सेंट्रल जोन के ज्वाइंट कमिश्नर डा. रमेश शर्मा का कहना है कि पांच जिला की सभी यूनिटों के ठेके आबंटित कर दिए गए हैं। पांच जिलों की रिटेल एक्साइज ड्यूटी 366.96 करोड़ तय की थी। इसमें से 347.03 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ है।