अवैध कब्जाधारियों की मुश्किलें बढ़ीं

प्रस्ताव पारित कर कार्रवाई की मांग, प्रदेश हाइकोर्ट को भेजी प्रति

ठियोग  – तहसील कोटखाई की महासू पंचायत ने क्षेत्र के अंदर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है। पंचायत ने सैकड़ों बीघा डिमार्केटेड प्रोटेक्टेड फारेस्ट यानी डीपीएफ भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ  पंचायत से एक प्रस्ताव पारित कर वन विभाग तथा हिमाचल हाइकोर्ट से इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पंचायत ने प्रस्ताव की कापी विभाग के अलावा कोर्ट को भी पेश कर दी है। महासू पंचायत द्वारा पंचायत के अंदर सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों में इस कार्रवाई से हड़कंप मच गया है। पंचायत के अनुसार यहां दांदी का मशहूर जंगल लोगों की मिलकीयत के साथ लगता है, जिसे काटकर लोगों ने सेब के बागीचे लगाए हैं। वन विभाग की अनुमति के बिना ही जंगल काटकर सड़कें बनाई गईं। पारित किए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि हलाइला, कढ़ीन, काहरा और श्वाल जंगल में प्रभावशाली लोगों ने हरे देवदार के पौधों को काटकर डीपीएफ  भूिम में बागीचे लगा दिए हैं। बहरहाल पंचायत द्वारा की गई इस कार्रवाई के बाद इलाके के वन काटुओं में हड़कंप मच गया है।

जल्द होगी कार्रवाई

उधर, रेंज आफिसर धनश्याम ने बताया कि विभाग की ओर से मौके पर निशानदेही करवाकर अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ  कार्रवाई जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा है कि पंचायत की ओर से विभाग को प्रस्ताव की कापी दी गई है। पेमाइश होने के बाद ही असलियत सामने आएगी।

सुर्खियों में रहा हलाइला दांदी का जंगल

हलाइला दांदी का जंगल अवैध कटान को लेकर बेहद सुर्खियों में रहा है। यहां पर स्थानीय प्रभावशाली लोगों ने देवदार के पेड़ काटकर स्लीपर बेचकर कमाई की। साथ ही खाली जगह में बागीचे तैयार किए।

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