एक गोली ने लूट ली जन्नत, कुदरत के शहर में वीरानगी

खतरे में कसौली का पर्यटन कारोबार, होटल इंडस्ट्री में वर्षों बाद सन्नाटे की आहट

सोलन— कसौली गोलीकांड के बाद जिला के सैकड़ों होटलों पर खतरा मंडरा रहा है। कसौली व चायल क्षेत्र में 104 बड़े होटल पंजीकृत हैं, परंतु चांदी बटोरने की आड़ में 500 होटल व रिजॉर्ट में सैलानियों का आवागमन करने का सिलसिला पूरे वर्ष चलता रहता है। नगर व ग्रामीण नियोजन विभाग के तय मापदंडों के मुताबिक जिस होटल में वाहनों के पहुंचने की सुविधा है, वहां ऑन रोड के लिए तीन जमा एक मंजिल का निर्माण होना चाहिए। इसका अभिप्राय यह है कि तीन मंजिल भवन व एक  मंजिल पार्किंग के लिए आनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। नियमों के अनुसार जिस होटल में वाहन नहीं जा सकता, वहां तीन मंजिल तक निर्माण कार्य हो सकता है। इसे विभाग की दरियादिली कहें या होटल निर्माण करने वालों का जुगाड़ तंत्र। तीन या चार मंजिलों के निर्माण की बजाय छह, सात मंजिल का निर्माण जिला में बेरोकटोक होता रहा। यह कथित अवैध निर्माण रातोंरात हुआ और कई वर्षों तक यह सिलसिला चलाता रहे, मगर न तो टीसीपी की निद्रा भंग हुई और न ही प्रशासन जागा। स्पाक नामक समाजिक संस्था जब इस मामले को लेकर ग्रीन ट्रिब्यूनल में गई तो एनजीटी के एक ही हथौड़े ने कुदरत के स्वर्ग कसौली में सब कुछ तहस-नहस कर दिया। प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से करोड़ों रुपए का प्रतिदिन कारोबार करने वाली होटल इंडस्ट्री में यकायक सन्नाटा पसर गया। नारायणी गेस्ट हाउस में जब अवैध निर्माण तोड़ा जा रहा था तो मालिक विजय ठाकुर के रिवाल्वर से निकली तीन गोलियों ने एक टीसीपी अधिकारी शैल बाला शर्मा के न सिर्फ प्राण ले लिए, बल्कि एक कर्मचारी को भी जिदंगी व मौत की जंग में धकेल दिया। अब प्रश्न यही है कि विजय ठाकुर क्या पहले से ही अपराधी था या खून पसीने की कमाई से जो उसने सपनों का महल बनाया था, उसको धराशायी होता देख बेकाबू हो गया।

अरबों के व्यापार पर असर

गोलीकांड से निश्वित रूप से सालाना अरबों रुपए का व्यापार प्रभावित होगा। करीब दस हजार उन युवाओं व अधेड़ उम्र के लोगों की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी, जो कि इन होटलों व रिजॉर्ट में कार्य कर रहे हैं।

टीसीपी नियम आए आड़े

इन घटनाआें के पिछे कहीं न कहीं प्रदेश सरकार का भी हाथ रहा है तथा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के पुराने नियम भी आडे़ आते रहे। कसौली-चायल के कई होटल मालिक हिमाचल सरकार से कई बार आग्रह कर चुके कि इन नियमों का बदला जाए। देश में कहीं भी ऐसे नियम नहीं हैं, किंतु सरकार व सबंध विभाग इस आंखे मूंदे बैठा रहा।

कारोबारियों के मुताबिक

* कसौली रिजॉर्ट के महाप्रबंधक गुरमीत ने कहा कि पर्यटन व्यवसाय प्रभावित है तथा होटलों की बुकिंग कैंसिल हो रही हैं।

* होटल विनिज होलि-डे के महाप्रबंध रविंद्र राय का कहना है कि पर्यटन सीजन चरम पर है, किंतु कई वर्षों बाद कमरे खाली हैं।

* होटल एसोशिएशन के प्रधान वेद गर्ग का कहना है कि टीसीपी  के पुराने नियमों के कारण कई जगह अतिरिक्त निर्माण होता रहा है।

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