एचपीयू को 47 हजार का पानी

हर रोज प्रशासन को टैंकर के लिए खर्च करने पड़ रहे हजारों

शिमला  – प्रदेश विश्वविद्यालय में पानी न होने से हालात खराब हो गई है। छात्रावासों में हजारों छात्रों को पानी उपलब्ध करवाने में अब एचपीयू प्रशासन के भी हाथ खड़े होने लग पड़े हैं। होस्टलों में पानी की किल्लत न हो, इसके लिए एचपीयू प्रशासन टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति कर रहा है। हालात इतने गंभीर हैं कि विवि में एक दिन में 12 टैंकर पानी के दिए जा रहे हैं। निगम एक या फिर दो टैंकर देकर ही एचपीयू को पानी देने के लिए अपने हाथ खड़े कर रहा है। विवि प्रशासन निगम के टैंकर न मिलने पर प्राइवेट टैंकरों से पानी होस्टलों में पहुंचाया जा रहा है। हालात यह है कि होस्टलों की मैस में हजारों छात्रों के लिए खाना बनना है, लेकिन पानी न होने से होस्टलों की मैस को बंद न करना पड़े इसके लिए प्रशासन को प्राइवेट टैंकरों से पानी होस्टलों में मुहैया करवाना पड़ रहा है। हालात ये हैं कि प्रशासन एक दिन में 47 हजार रुपए का पानी खरीद कर एचपीयू के होस्टलों और अन्य जगहों पर आपूर्ति कर रहा है। एचपीयू को एक टैंकर के लिए 3900 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। ऐसे में अब प्रशासन को पानी होस्टलों में मुहैया करवाने में दिक्कते आ रही है। एचपीयू में परीक्षाओं का दौर चल रहा है। दो जून से परीक्षाएं है। ऐसे में छात्र परीक्षाओं के दौरान जहां पढ़ाई करनी चाहिए वही छात्र इस समय टैंकरों से पानी भरने में व्यस्त है। छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है। मंगलवार को भी एचपीयू के कन्या छात्रावासों में लड़कियां टैंकर के इंतजार में खड़ी रही। वही पानी की कमी के चलते होस्टलों के शौचालय भी ब्लॉक होने लगे है। कोई भी विकल्प प्रशासन के पास नहीं बचा है।

छात्रावासों में टैंकर से सप्लाई

वहीं, फैसला लिया गया है कि एचपीयू के छात्रावासों में वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाया जाएगा। इस टैंक में बारिश का पानी स्टोर कर इसे शौचालय और अन्य कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। एचपीयू के छात्रावासों में पानी की कमी न हो, इसके लिए दस से 12 बजे के बीच में टैंकर से पानी की सप्लाई छात्रावासों में की जा रही है। होस्टलों में पानी सही तरीके से मिले, उसके लिए टैंकर का इस्तेमाल किया जाएगा।

अपना सही जीवनसंगी चुनिए| केवल भारत मैट्रिमोनी पर-  निःशुल्क  रजिस्ट्रेशन!