किसानों को बाताया कैसे लगाएं अजोल घास

चांदपुर – उपमंडलीय पशु चिकितशालय चांदपुर द्वारा यूको स्वरोजगार संचेतक के सहयोग से निचली भटेड़ में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें 50 पशु पालकों ने भाग लिया। चिकितसा अधिकारी डा. मनदीप ने बताया कि पशु-पालकों को सूखे व अकाल की स्थिति में पशुओं को क्या खिलाया जाए तथा इनकी देखभाल कैसे की जा सकती है के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया की अकाल में हरे घास की कमी होती है। इस समय पशुओं को अजोला घास खिलाया जा सकता है, जो कि हर घास की कमी विटामिन की कमी तथा प्रोटीन की कमी को पूरा करता है। इस अवसर पर उन्होंने पशुपालकों को अजोला घास उगाने की विधि के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सूखे घास की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए यूरिया खनिज तरल पदार्थ मिश्रण, यूरिया ब्लॉक सहायक होते हैं। जुगाली करने वाले जानवरों के पेट मे यूरिया से प्रोटीन बनाने के लिए जीवाणु होते हैं, जो यूरिया को प्रोटीन में बदलने का काम करते हैं। गर्मियों में पशुओं को 50 से 60 लीटर तक पानी की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि सभी लोग गर्मियों में अपने कुत्तों को पागलपन के टीके जरूर लगवाएं।

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