चलवाड़ा स्कूल का पुराना भवन गिरा

जवाली —उपमंडल जवाली के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक पाठशाला चलवाड़ा का पुराना भवन गिर गया। गनीमत रहा कि भवन रात्रि के समय में गिरा। अगर दिन के समय में गिरता, तो अनहोनी घटना घटित हो जाती। राजकीय प्राथमिक पाठशाला चलवाड़ा में शिक्षा ग्रहण करने  वाले बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त भवन नहीं है। मात्र दो ही पक्के कमरे हैं, जिनमें एक कमरे का पूरा निर्माण हो गया है जबकि एक कमरा का पिल्लरों पर ही लैंटल डाला गया है । पिल्लरों के अलावा दीवारों का नामोनिशान नहीं है। स्कूल में 35 छात्र शिक्षा ग्रहण करते हैं। एक ही कमरे में आफिस भी है तथा तीन कक्षाओं को कमरे में इकट्ठा बैठाया जाता है और दो कक्षाएं बरामदे में बैठती हैं। सूत्रों के अनुसार स्कूल भवन के लिए तकरीबन तीन लाख 15 हजार रुपए का प्रावधान किया गया था, लेकिन उसमें भूकंपरोधी तकनीक से भवन का निर्माण किया गया है, जिसकी दीवारों नहीं बन पाई हैं। अभिभावकों ने कहा कि सरकार शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ावा देने का दम भरती थकती नहीं है, लेकिन हकीकत में मंजर कुछ और ही है। अभिभावकों ने मांग की है कि पुराने जर्जर भवन को गिरवाया जाए तथा कमरे की दीवारों की चुनवाई भी करवाई जाए।  इस बारे में स्कूल की मुख्य शिक्षिका सुमन कुमारी ने बताया कि स्कूल का पुराना भवन अनसेफ घोषित है, लेकिन इसको विभाग ने गिराया नहीं है। उन्होंने कहा कि पुराने भवन की तरफ  बच्चों के जाने पर मनाही थी।  कमरे की दीवारों के लिए विभाग को असेस्मेंट भेजी है।

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