जनजातीय क्षेत्रों में बढ़ेगा भत्ता

कृषि मंत्री रामलाल मार्कंडेय का खुलासा, मुलाजिमों को शिमला की तर्ज पर मिलेंगे लाभ

केलांग – जनजातीय क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों को जयराम सरकार शिमला की तर्ज पर भत्ते देगी। सरकार के इस तोहफे से सैकड़ों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इस बात का खुलासा लाहुल दौरे पर पहुंचे कृषि मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय ने किया है। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के साथ बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार के समक्ष उन्होंने हाल ही यह मुद्दा उठाया था और जनजातीय क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारियों की व्यथा को सरकार के समक्ष रखा था। जयराम सरकार जल्द ही जनजातीय क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को शिमला की तर्ज पर भत्ते देने का तोहफा देने जा रही है।  कृषि मंत्री ने कहा है कि इससे पहले भी जनजातीय क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार ने एडवांस वेतन की नीति को बहाल कर उसे दोबारा शुरू किया है। लिहाजा जनजातीय क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए जयराम सरकार का यह दूसरा तोहफा होगा। हालांकि उन्होंने यह भी सपष्ट किया कि इस फैसले पर अंतिम मुहर लगना अभी बाकी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों के लिए जब भी किसी कर्मचारी का तबादला होता है तो अकसर वहां जाने से पहले कर्मचारी यह कोशिश करता है कि उसका तबादला किसी तरह रद्द हो जाए। कर्मचारियों में जनजातीय क्षेत्रों का ऐसा डर बैठ गया है कि उन्हें लगता है कि इन क्षेत्रों में तबादला होने का मतलब है कि किसी ने उन्हें सजा दे दी है। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों के दिल से उस डर को निकालना चाहती है और इन क्षेत्रों में अच्छी सेवा प्रदान करने वाले कर्मियों को जहां नवाजे जाने की भी योजना पर काम चल रहा है, वहीं अब शिमला की तर्ज पर भी जनजातीय क्षेत्रों सेवा देने वाले कर्मचारियों को भत्ते देने की योजना पर सरकार ने काम शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि लाहुल-स्पीति समेत दो अन्य जिलों में कुल मिलाकर दस हजार कर्मचारी वर्तमान समय में सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में सरकार अगर इन कर्मचारियों को शिमला की दर्ज पर भत्ते प्रदान करती है, तो कौन इन क्षेत्रों नौकरी नहीं करना चाहेगा। डा. रामलाल मार्कंडेय के इस खुलासे ने जहां कर्मचारियों के दिलों में एक नहीं आस जगा दी है, वहीं उन्होंने इस बात को भी कहा कि सब कुछ तय हो गया है, लेकिन अभी फिर भी इस पर अंतिम निर्णय होना बाकी है। उधर, अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ लाहुल-सपीति के सदस्यों ने मंत्री का एडवांस वेतन व्यवस्था बहाल करवाने के लिए आभार जताया।

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