जांच होगी, क्यों कम रहा रिजल्ट

दसवीं के परीक्षा परिणाम की खामियों पर सरकार चिंतित

शिमला— हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा निकाले गए दसवीं कक्षा के परिणाम से सरकार व शिक्षा विभाग चिंतित है। प्रदेश के शिक्षा सचिव ने दसवीं कक्षा का परिणाम देखने के बाद कहा कि पिछले साल की तुलना इस बार रिजल्ट में आई गिरावट चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रिजल्ट प्रतिशतता में आई कमी आने के पीछे क्या कारण रहे इस पर जांच की जाएगी व शिक्षा विभाग की ओर से क्या खामियां रहीं, इसका भी विश्लेषण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष दसवीं कक्षा का परिणाम 67.57 प्रतिशत रहा था, तो वहीं इस बार का परिणाम घटकर 63.39 प्रतिशत रह गया। यानी की इस बार दसवीं कक्षा के परिणाम में चार प्रतिशत गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि रिजल्ट कम होने का कारण अभी तक सीसीटीवी कैमरे बताए जा रहे हैं। इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि पिछले वर्ष शिक्षा विभाग की ओर से जब रिजल्ट के कम रहने के कारणों को जानने के  लिए रिपोर्ट तैयार की गई थी, तो उसमें भी यही सामने आया था कि स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे देख छात्र घबरा गए थे।  शिक्षा विभाग की टीम को छात्रों का परीक्षा परिणाम खराब होने का यही कारण बताया था। ऐसे में अब देखने वाली बात है कि इस बार के विश्लेषण में शिक्षा विभाग व सरकार के सामने क्या आता है। हालांकि शिक्षा सचिव ने यह बात कह चुके है कि वे परीक्षा परिणाम में आई गिरावट पर जांच करेंगे और अगर इसमें कोई खामी पाई गई तो उचित कार्रवाई की जाएगी। इस जांच के घेरे में कई शिक्षक भी आ सकते हैं।  सबसे ज्यादा छात्र किस विषय में पिछड़े हैं, इस पर भी शिक्षा विभाग रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजगा।

अब प्लस वन और टू के लिए भी एनसीसी

शिमला – प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब 11 वीं व 12वीं के छात्रों के लिए भी एनसीसी का विषय शुरू किया जाएगा। सभी छात्र एनसीसी में भाग ले सकें व दसवीं के बाद भी छात्रों को एनसीसी की गतिविधियों में भाग लेने का मौका मिल सके, इसके लिए 11वीं व 12वीं कक्षा में छात्रों को यह सुविधा मिलेगी। इसको लेकर शुक्रवार को प्रधान सचिव शिक्षा की अध्यक्षता में बैठक होने जा रही है। इस बैठक एनसीसी हैडक्वार्टर के अधिकारियों के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारी भी भाग लेंगे। बैठक में 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एनसीसी शुरू करने को लेकर योजना बनाई जाएगी।  मौजूदा समय में स्कूलों में 10वीं कक्षा तक के छात्र  ही एनसीसी में भाग ले सकते हैं। 11वीं और 12वीं में छात्रों के लिए एनसीसी नहीं है, जबकि कालेजों में फिर छात्रों के लिए एनसीसी है, लेकिन छात्र 11वीं और 12वीं में एनसीसी  नहीं ले सकतें। मौजूदा समय में प्रदेश में छात्रों को मैट्रिक लेवल तक ए और कालेज में सी सर्टिफिकेट तो मिल रहा है, लेकिन 11वीं और 12वीं में छात्रों को बी सर्टिफिकेट नहीं मिल रहा है। इसके चलते प्रदेश सरकार ने उक्त कक्षाओं में भी एनसीसी शुरू करने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से उन छात्रों को राहत मिलेगी, जो बी सर्टिफिकेट लेना चाहते हैं।