जुर्माने पर भी जीएसटी

जीएसटीआर-3बी भरने की अंतिम तारीख दो दिन बढ़कर हुई 22 मई

नई दिल्ली  – परियोजनाओं में देरी की स्थिति में ठेकेदारों पर लगने वाला जुर्माना यानी लिक्विडेटेड डैमेज भी जीएसटी के दायरे में आएगा। अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग्स (एएआर) ने यह व्यवस्था दी। महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी (महाजेनको) के आवेदन पर सुनवाई करते हुए एएआर की महाराष्ट्र पीठ ने यह फैसला दिया। महाजेनको बिजली निर्माण के क्षेत्र में कार्यरत कंपनी है। एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के पार्टनर रजत मोहन ने कहा, ‘इसे सेवा मानते हुए और इस पर 18 फीसद जीएसटी लगाने से अनगिनत कारोबारों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। इस फैसले के बाद ठेका देने वाली कई कंपनियां जुलाई, 2017 के बाद से ही लिक्विडेटेड डैमेज चार्ज पर भारी-भरकम कर वसूलने की तैयारी में हैं। इन करों के जमा होने में भी संदेह है।’ उन्होंने बताया कि लिक्विडेटेड डैमेज चार्ज किसी भी बड़ी निर्माण परियोजना के अनुबंध का जरूरी घटक है। मोहन ने कहा कि इस फैसले से उन आपूर्तिकर्ताओं और ठेकेदारों पर भी असर पड़ेगा, जिन्हें टैक्स से छूट मिली हुई है। इनमें सरकारी ठेकेदार, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत काम करने वाले ठेकेदार, ग्रामीण आवास, वनीकरण और अन्य मामलों से जुड़े सरकारी सेवा प्रदाता शामिल हैं। सरकार ने अप्रैल के लिए जीएसटीआर-3बी भरने की अंतिम तारीख को दो दिन बढ़ाकर 22 मई कर दिया है। आधिकारिक बयान में कहा गया कि करदाताओं को फाइलिंग में कुछ तकनीकी गड़बडि़यों का सामना करना पड़ रहा है। इसे दूर करने के लिए कदम उठाए गए हैं। इसलिए करदाताओं के हित में अंतिम तिथि को आगे बढ़ाया गया है। जीएसटी पोर्टल को मेंटीनेंस के लिए शुक्रवार को दोपहर 2:45 बजे से 3:15 बजे तक बंद रखा गया था।

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