दस साल में दोगुनी अर्थव्यवस्था

एशियन डिवेलपमेंट बैंक का खुलासा, भारत की सात फीसदी अनुमानित विकास दर आश्चर्यजनक रफ्तार

मनीला  – भारत की चालू वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अनुमानित सात फीसदी से ज्यादा की ग्रोथ रेट आश्चर्यजनक रूप से तेज है। यदि विकास दर की यही रफ्तार जारी तो अगले दस साल में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना हो जाएगा। एशियन डिवेलपमेंट बैंक (एडीबी) के चीफ इकोनॉमिस्ट यासुयुकी सावादा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत को आठ फीसदी की ग्रोथ हासिल करने को लेकर चिंता नहीं करनी चाहिए, बल्कि उसका फोकस आय असमानता घटाकर घरेलू डिमांड बढ़ाने पर होना चाहिए, क्योंकि विकास दर को निर्यात की बजाय घरेलू खपत से अधिक गति मिल रही है। एडीबी का अनुमान है कि भारत 2018-19 में 7.3 फीसदी और 2019-20 में 7.6 फीसदी की विकास दर के साथ एशिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रहेगा। 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यस्था के 6.6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ने का अनुमान है, जो कि 2016-17 के 7.1 फीसदी से कम है। सात फसदी की ग्रोथ आश्चर्यजनक रूप से तेज है। यदि सात फीसदी की ग्रोथ अगले दस साल जारी रहती है तो भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार दोगुना हो जाएगा। इसलिए, विकास दर की यह सुपर फास्ट रफ्तार, अपने रीजन (एशिया) में बतौर एक सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था इस वित्त वर्ष 7.3 फीसदी और अगले साल 7.6 फीसदी की ग्रोथ हासिल करना निश्चित रूप से चौंकाने वाली है। अभी भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2.5 लाख करोड़ डालर है, जो कि दुनिया की छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग कह चुक चुके हैं कि अर्थव्यवस्था अपने को दोगुना करने के रास्ते पर है और यह 2025 तक पांच लाख करोड़ डालर की हो जाएगी। क्या भारत की आर्थिक रफ्तार के लिए एक्सपोर्ट सेक्टर का रिवाइवल अहम है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भारत की आधी ग्रोथ निवेश और निजी खपत से है। इसलिए घरेलू मार्केट का भारत की ग्रोथ में बड़ा रोल है। भारत की ग्रोथ के लिए एक्सपोर्ट एक जरूरी आंकड़ा नहीं है। इसके बजाय ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए घरेलू बाजार बहुत महत्त्वपूर्ण है।

आठ फीसदी ग्रोथ बड़ी चुनौती

एडीबी के चीफ इकोनॉमिस्ट यासुयुकी सावादा ने कहा कि भारत के लिए अभी आठ फीसदी ग्रोथ हासिल करना अभी बड़ी चुनौती है। सात फीसदी की ग्रोथ एक बहुत अच्छा नंबर है और भारत को आठ फीसदी की ग्रोथ हासिल करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए।

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